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'संभाग स्तर पर खुलेंगे परीक्षण केंद्र'

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खंडवा , शनिवार, 24 दिसंबर 2011 (00:44 IST)
प्रदेश में संभाग स्तर पर बीज परीक्षण केंद्र एवं प्रयोगशालाएँ खोली जाएँगी। वर्तमान में बीज परीक्षण के लिए तीन तथा रासायनिक तत्वों की जाँच के लिए मात्र एक केंद्र है। मंडी में आढ़त प्रथा सहन नहीं की जाएगी। रासायनिक खाद के मूल्य में बेतहाशा वृद्धि बहुराष्ट्रीय कंपनियों की मोनोपाली का परिणाम है। खंडवा में सामने आई शिकायत में जाँच उपरांत आवश्यक कार्रवाई करेंगे।


यह बात किसान कल्याण तथा कृषि विकास मंत्री डॉ. रामकृष्ण कुसमारिया ने पत्रकारों से चर्चा के दौरान कही। खंडवा में आयोजित तीन दिवसीय कृषि विज्ञान मेले के समापन कार्यक्रम में आए श्री कुसमरिया ने बताया कि प्रदेश सरकार किसानों के उत्थान के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है। जैविक कृषि आज की जरूरत बन गई है। रासायनिक खाद एवं दवाइयों से जमीन की उर्वरक शक्ति घटती जा रही है।


मानव श्रम की कमी को देखते हुए किसानों को कृषि कार्य में सुविधा के लिए अनुदान पर यंत्र उपलब्ध करवाए जा रहे हैं। बीज सही मिले इसके लिए बीज संघ की स्थापना की गई है। किसानों को उपज का सही भाव मिले इसलिए प्रसंस्करण उद्योग और भंडारण के लिए गोदामों की व्यवस्था की जा रही है। बड़ी मंडियों में वेयर हाउस दिए जा रहे हैं।


खाद की परेशानी के लिए केंद्र जिम्मेदार

किसानों को खाद के लिए पेश आ रही दिक्कतों के लिए केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए कृषि मंत्री श्री कुसमरिया ने कहा कि इस रबी सीजन में 11 लाख 51 हजार मीट्रिक टन खाद की माँग केंद्र से की गई थी जिसमें से 8 लाख 38 हजार मीट्रिक टन देने का आश्वासन मिला। इसमें से भी अब तक मात्र 6 लाख 85 हजार मीट्रिक टन खाद ही मिल सका है। इसी माह 2 लाख टन से ज्यादा की आवश्यकता है। रासायनिक खाद एवं दवाइयों के भावों में बेतहाशा वृद्धि को बहुराष्ट्रीय कंपनियों का खेल बताते हुए श्री कुसमरिया ने कहा किसानों को रासायनिक खाद के लालच में डालकर कंपनियाँ अब मनमानी कर रही हैं।


एनजीओ की सहभागिता अनिवार्य

जिला मुख्यालय स्थित मिट्टी परीक्षण प्रयोगशाला में मिट्टी के सूक्ष्म तत्वों की जाँच मशीन खराब होने के बाद अब संभाग में कहीं भी यह सुविधा नहीं है। इस संबंध में श्री कुसमरिया ने शीघ्र आवश्यक कदम उठाने की बात कही। बीज निगम में धाँधली की जाँच के साथ ही कृषि विज्ञान मेले के आयोजन में गड़बड़ी की भी जाँच की बात कही। उन्होंने बताया कि मेले के लिए एनजीओ की सहभागिता अनिवार्य है।


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