Biodata Maker

Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

डिस्पेप्सिया

Advertiesment
हमें फॉलो करें डिस्पेप्सिया
डॉ. एस.के.सिन्हा
डिस्पेप्सिया का अर्थ है बदहजमी या अजीर्ण रोग।

WDWD
हम जो खाते हैं वह अगर अच्छी तरह से न पचा हो तो शरीर की सभी क्रियाओं में गड़बड़ी पैदा हो जाती है। फलस्वरूप शरीर क्रमश: कमजोर, रक्तहीन और बेकार सा होने लगता है। इसी को डिस्पेप्सिया या अजीर्ण रोग कहते हैं।

रोग की उत्पत्ति के कारण -
1. रैण्डम लाइफ स्टाइल यानी कोई भी दैनिक कार्य समय निश्चित न हो। जैसे सोने का समय एवं अवधि, खाने का समय, घूमने या व्यायाम का समय इत्यादि।
2. पाचन यंत्र का यांत्रिक परिवर्तन -
जैसे आँतों में क्यूकस, जलन, जख्‍म, कोलाइटिस इत्यादि कारणों से डिस्पेप्सिया होता है।
2. पाचन यंत्र से सब रस निकलकर खाए हुए पदार्थों को पचाते हैं। उनके परिमाण या गुणों का तारतम्य जैसे गैस्ट्रिक ज्यूस (यह पकाशय से स्त्रावित होता है) पैंक्रियाटिक जूस (क्लोकरस), यकृत पित्तकोष और आँतों से रस स्त्राव यदि कम हो या फिर उनके गुणों में कमी या फिर गुणवत्ता और मात्रा दोनों की कमी हो तो डिस्पेप्सिया हो जाता है।
3. मानसिक उत्तेजना एवं अत्यधिक मानसिक परिश्रम - जैसे बहुत अधिक चिंता, बुरी खबर, पढ़ना इत्यादि से नर्वस सिस्टम की स्वाभाविक क्रिया में गड़बड़ी से डिस्पेप्सिया होना स्वाभाविक है।
4. अनियमित खानपान - जैसे शराब पीना, बहुत मिर्च मसालेदार भोजन, आइस्क्रीम, बहुत ज्यादा चाय पीना, अफीम, भांग, गाँजा इत्यादि उत्तेजक पदार्थों का सेवन तथा बाजार की बनी बासी, सड़ी-गली चीजों से भी डिस्पेप्सिया हो जाता है।
5. अपनी पाचन शक्ति के प्रतिकूल गरिष्ठ भोज्य पदार्थों का खाना भी डिस्पेप्सिया का एक कारक है।

लक्षण -
1. भूख न लगना या राक्षसी भूख का लगना। हमेशा चटपटी, खट्‍टी और गरम मसालेदार चीजें खाने की इच्छा।
2. पेट में वायु इकट्‍ठा होना, बार-बार डकार आना, सीने में तकलीफ होना। मुँह में पानी आना।
3. खाई हुई चीज न पचकर वमन और दस्त होना।
4. हमेशा पेट भारी मालूम पड़ना। अफारा होना।
5. शारीरिक एवं मानसिक परिश्रम से अनिच्छा थोड़े से कार्य के पश्चात सुस्ती, कमजोरी, चिड़चिड़ापन, क्रोध की अधिकता, नींद न आना, सिर में चक्कर, आँखों से कम दिखाई पड़ना, चेहरा बदरंग, आँखें धँसी हुई, शरीर का रंग फीका या पीला पड़ना।
6. हमेशा हाथ-पैर ठंडे रहना, ठंड में ही सर्दी, जुकाम का होना।
7. शरीर की शक्ति और माँस घटते जाना एवं कमजोर पड़ना।

चिकित्सा और पथ्
पथ्‍य के रूप में रेशेदार भोजन, बिना तेल, घी का भोजन, माँस-मछली रहित भोजन। अच्छी तरह से चबाकर खाना।
दवाएँ - नक्स वोमिका, कार्बो वेज, चायना हाईड्रास्टीस, कली कार्ब, लाईकोपोडियम, पल्सेटिला, अर्जेन्टम नाईट्रीकम या मेटालिकम की निम्न पोटेन्सी डिस्पेप्सिया को आरोग्य करती है।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi