Dharma Sangrah

Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

पीआर के क्षेत्र में है सुनहरा भविष्य

जयंतीलाल भंडारी

Advertiesment
हमें फॉलो करें पब्लिक रिलेशन
ND
दुनिया के बदलते परिदृश्य में आज सुनियोजित और प्रभावकारी ढंग से संचालित संगठनों की सफलता और यहां तक कि उनके अस्तित्व के लिए भी पब्लिक रिलेशन (जनसंपर्क) बहुत जरूरी हो गया है।

न केवल सरकारी, सहकारी, निजी, राजनीतिक , शैक्षिक, धार्मिक संस्थाओं के लिए अपितु व्यक्ति विशेष के प्रचार-प्रसार के लिए भी पब्लिक रिलेशन महत्वपूर्ण विधा बनकर उभरा है। अगर आपमें अपनी बात दूसरों तक पहुंचाने और अपनी बात मनवाने की क्षमता है तो यह मान लें कि पब्लिक रिलेशन का क्षेत्र आप ही के लिए बना है

पब्लिक रिलेशन ऑफिसर (पीआरओ) की नौकरी बेहद ही रुचिकर होती है। इसके अंतर्गत न सिर्फ अपनी संस्था या व्यक्तिकी इमेज ही मार्केट में बनानी होती है बल्कि अपनी संस्था की उन्नति, सुविधाएं, क्षेत्र के विषय में भिन्न-भिन्न मैग्जीन, न्यूज पेपर, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया तथा संबंधित कॉर्पोरेट ब्रॉशर आदि द्वारा लोगों तक जानकारियां भी पहुंचानी होती हैं।

पीआरओ को प्रेस और जनता से जानकारी संबंधी कॉलों के उत्तर भी देने होते हैं। उन्हें निमंत्रण सूचियों और प्रेस सम्मेलनों के ब्यौरे तैयार करने संबंधी कार्य, आगंतुकों और ग्राहकों के स्वागत, अनुसंधान में सहायता, सूचना प्रपत्र लिखने, संपादकीय कार्यालयों में विज्ञप्तियां भेजने और मीडिया वितरण सूचियां तैयार करने जैसे कार्य करने होते हैं।

अधिकतर लोगों का यह मानना है कि पीआरओ अभिव्यक्ति में निपुण और रचनाशील व्यक्ति होते हैं। लेकिन पीआरओ का स्वयं यह मानना है कि इस क्षेत्र में दबाव के समय सही निर्णय लेने की क्षमता बहुत जरूरी है। एक बेहतर पीआरओ होने के नाते उसे नए-नए और अन्य कंपनियों से मजबूत रिलेशनशिप बनाने के तरीके आने चाहिए। क्रिएटिव विचार, प्रेजेंस ऑफ माइंड, डायनेमिक पर्सनेलिटी तथा इंग्लिश व प्रादेशिक भाषा का ज्ञान उसे अवश्य होना चाहिए।

पब्लिक रिलेशन ऑफिसर को उस प्रतिष्ठान के प्रति समर्पित होना चाहिए जिससे वह संबद्ध होता है। उसके लिए कार्यालय का बंधा-बंधाया समय कोई महत्व नहीं रखता। उसका हर क्षण उसके प्रतिष्ठान की उन्नति को समर्पित होता है। पीआरओ का संयमशील, शांत स्वभाव, दूरदर्शी, मिलनसारिता और हंसमुख होना अत्यावश्यक है।

आकर्षक व्यक्तित्व का मालिक होना तो जैसे सोने पे सुहागा है। पीआरओ को इस हद तक चुस्त-दुरुस्त होना चाहिए कि वह हर किसी तक उसके प्रतिष्ठान या हस्ती की काबिलियत पहुंचा सके। वर्तमान समय में बहुत से पत्रकारों ने बदलाव के विकल्प के रूप में पब्लिक रिलेशन के कार्य को अपनाया है। बड़ी संख्या में स्नातक ऐसे हैं, जो पत्रकारिता के लिए निकलते हैं परंतु उन्हें पब्लिक रिलेशन में अच्छी सफलता मिल जाती है।

किसी भी विषय से स्नातक करने के उपरांत आप मास कम्युनिकेशन/पब्लिक रिलेशन/मैनेजमेंट या एडवरटाइजिंग में मास्टर डिग्री या डिप्लोमा कोर्स कर इस क्षेत्र में प्रवेश कर सकते हैं। उक्त पाठ्यक्रम करने के उपरांत आप पब्लिक रिलेशन/कॉर्पोरेट कम्युनिकेशन/कॉर्पोरेट अफेयर्स/बड़ी कंपनियों के एक्सटर्नल अफेयर्स डिपार्टमेंट में स्वतंत्र रूप से पब्लिक रिलेशन कंसलटेंट का काम कर सकते हैं।

इसके अलावा विभिन्न सरकारी एजेंसियों, सेल्स, मैनेजमेंट, कंसल्टेंट ऑर्गेनाइजेशन, ट्रेवल एंड टूरिज्म ऑर्गेनाइजेशन, इवेंट मैनेजमेंट तथा बड़े एनजीओ आदि में भी पब्लिक रिलेशन ऑफिसर या कंसल्टेंट के रूप में कार्य कर इस क्षेत्र में शिखर पर पहुंच सकते हैं। पब्लिक रिलेशन संबंधी ज्यादातर पाठ्यक्रम पत्रकारिता या जनसंचार संस्थानों द्वारा भी संचालित किए जाते हैं।

पाठ्यक्रम संबंधी कार्य के अतिरिक्त प्रतिष्ठित पब्लिक रिलेशन प्रतिष्ठानों में व्यावहारिक अनुभव या प्रशिक्षण भी महत्वपूर्ण होता है। पब्लिक रिलेशन से जुड़े पाठ्यक्रमों में मीडिया ऑफ पब्लिक रिलेशंस, प्रोडक्शन एंड मीडिया कम्युनिकेशन आदि प्रमुख घटक हैं। आमतौर पर इन पाठ्यक्रमों की अवधि एक से दो वर्ष के बीच होती है। पब्लिक रिलेशन ऑफिसर के लिए पाठ्यक्रम से ज्यादा उसके अपने अनुभव महत्व रखते हैं। उसे मीडिया के तौर-तरीकों की पूरी जानकारी होनी चाहिए।

webdunia
ND
यहां से करें कोर्स
- पब्लिक रिलेशन व विज्ञापन में स्नातकोत्तर डिप्लोमा पाठ्यक्रम भारतीय जनसंचार संस्थान, नई दिल्ली में उपलब्ध है।

- पब्लिक रिलेशन में स्नातकोत्तर डिप्लोमा पाठ्यक्रम भारतीय विद्या भवन, नई दिल्ली में उपलब्ध है।

- पब्लिक रिलेशन में स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम सिंबायोसिस इंस्टिट्यूट ऑफ जर्नलिज्म कम्युनिकेशन, पुणे में उपलब्ध है।

- पब्लिक रिलेशन, विज्ञापन और प्रबंधन में एमए पाठ्यक्रम माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय, भोपाल में उपलब्ध है।

- एमबीए इन पब्लिक रिलेशन एंड मास कम्युनिकेशन पाठ्यक्रम देवी अहिल्या विश्वविद्यालय, इंदौर में उपलब्ध है।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi