इसमें कोई दो मत नहीं कि अब युवा इस अर्थ में भी जागरूक हुआ है कि उसके समाज से सरोकार बढ़े हैं। वह समाज की छोटी-बड़ी चिंताओं और समस्याओं से रूबरू है। वह चाहता है कि समाज में जो तमाम विसंगतियाँ हैं, विडंबनाएँ हैं, वे खत्म हों और बदलाव की एक ताकतवर बयार बहे। और, अब उसकी आवाज को सुना जा रहा है। उसकी इस आवाज को बुलंद करने के लिए कुछ ऑनलाइन कोशिशें भी जारी हैं, जिसमें एक है यूथ की आवाज डॉट कॉम। यानी माउथपीस फॉर यूथ।
वस्तुतः यूथ की आवाज एक ऐसा ब्लॉग है, जो डेमोक्रेसी को लेकर प्रतिबद्ध है और उसके सारे सरोकार इसी से जुड़े हैं। इसीलिए इस ब्लॉग को ब्लागोक्रेसी भी कहा गया है। वस्तुतः यह एक ऐसा ऑनलाइन मंच है, जहाँ युवा अपने पोस्टर्स लगा सकते हैं। यहाँ पर आप कई तरह के मुद्दों पर युवाओं के विचार जान सकते हैं, विश्लेषणात्मक लेख पढ़े जा सकते हैं और विचारोत्तेजक टिप्पणियाँ भी पढ़ी जा सकती हैं।
इसकी लेटेस्ट इंट्रीज में लेडी श्रीराम कॉलेज के कल्चरल फेस्टविल के बारे में पढ़ा जा सकता है, जो 3 फरवरी से 5 फरवरी तक चलेगा। इसके बाद एक बहुत ही अच्छा लेख है, जिसका शीर्षक है-मीडिया शूड बी मोर देन जस्ट अ वॉचडॉग। इसके अलावा चिनी कम और पा जैसी ख्यात फिल्मों के डाइरेक्टर आर. बाल्की का इंटरव्यू भी है। इसके अलावा राजनीति पर भी एक विश्लेषण मौजूद है। इसका शीर्षक है : यूपी इलेक्शन एंड द डम्ब इलेक्ट्रोरेट वैकअप। इसके अलावा वोकेशनल एजुकेशन पर लेख, थामम फ्रीडमैन की बुक द वर्ल्ड इज फ्लैट की रिव्यू भी यहाँ पढ़ी जा सकती है।
सोसाइटी सेक्शन के तहत द आयरनी ऑफ हंगर इन इंडिया पर फोटोनामा देखा जा सकता है और द स्टेटस ऑफ वालेंटिअरिज्म अमंग इंडियन यूथ एक अच्छा जानकारीपरक लेख पढ़ा जा सकता है।