रेग्यूलर 'वॉक' यानी सेहत का सबसे सरल, सस्ता और सुगम उपाय। लेकिन क्या आप जानते हैं कि वॉकिंग के भी कुछ नियम-कायदे होते हैं। चलिए हम आपको बताते हैं-
वॉकिंग यानी पैदल चलना स्वस्थ व फिट रहने के सबसे अच्छे तरीके की हैसियत हासिल कर चुका है। दरअसल यह कसरत का प्राकृतिक तरीका है। जिसे हम रोजाना ही किसी न किसी हद तक करते हैं। जो लोग इसे कसरत के तौर पर करते हैं उनके लिए इसमें चोट का खतरा न के बराबर है बशर्ते वे इसे कार्यक्रमानुसार करें और बहुत जल्दी बहुत ज्यादा न करें। इस कसरत को करने के लिए आरामदायक जूतों की दरकार होती है। साथ ही एक घड़ी की ताकि आप वॉकिंग के समय को नोट कर सकें।
वॉकिंग के फायदे कई बातों पर निर्भर करते हैं जिनमें शामिल हैं कि आप कितनी बार वॉक करते हैं, कितनी दूर तक चलते हैं और आपकी वॉक की तीव्रता क्या है। पार्क में आधा मील चलने से आपका तनाव तो कम हो सकता है, लेकिन वजन घटाने में यह फासला कुछ खास कारगर साबित नहीं होगा। लेकिन अगर आप 6 से 8 किलोमीटर की नियमित तेज राफ्तार से वॉकिंग करेंगे और ऊर्जा नियंत्रित, लो फैट हाई कार्बोहाइड्रेट डायट लेंगे, तो आपका बॉडी फैट भी कम हो जाएगा।
इस सिलसिले में जो बातें आवश्यक रूप से करने की हैं, वे कुछ इस प्रकार हैं
* वॉकिंग को अपनी वरीयता बना लें। अगर आप इसे अपनी जीवनशैली का आवश्यक हिस्सा नहीं मानेंगे, तो आप इसे करना भी जल्द छोड़ देंगे।
* वॉकिंग के लिए अपने किसी दोस्त को अपना हमसफर बना लें। इस तरह वॉकिंग करते हुए आप एक-दूसरे को प्रेरित कर सकेंगे और आपस में बातें भी कर सकेंगे। बेहतर तो यह रहेगा कि अपने जीवनसाथी को अपने कार्यक्रम में शामिल कर लें।
* वॉकिंग के लिए अच्छे जूते खरीदें जिनमें आराम भी मिले और जिनमें चोट से बचने के लिए पर्याप्त कुशन हो।
* लक्ष्य निर्धारित कर लें और उसे हासिल करने पर अपने आपको इनाम दें। ध्यान रहे कि सकारात्मकता से कामयाबी हासिल होती है।
* अपनी प्रगति को मॉनिटर करें। यह देखें कि कितना फासला कितने समय में तय किया गया और दस सेकंड के अरसे से आपका एक्सरसाइजिंग हार्ट बीट रेट क्या है। साथ ही हर माह अपनी कमर, कूल्हों और सीने को भी नापें।
* बोरियत से बचने के लिए आकर्षक राहों को तलाशें।
* 3-5 किलोमीटर का एक मार्ग निर्धारित कर लें और उसे एक सप्ताह में एक बार जितनी तेज चल सकते हों, उतनी तेज चलकर पूरा करें।
* वॉकिंग के बहुत फायदे हैं जैसे ब्लडप्रेशर संतुलित रहना, कोलेस्ट्रॉल का कम हो जाना, हृदय रोग से बचना, हड्डियों का मजबूत हो जाना, मोटापा कम होना, टाइप-2 डायबिटीज को नियंत्रित करना, चिंता व डिप्रेशन से बचना आदि। इन जानकारियों को पढ़ते रहें ताकि वॉकिंग करने के आपके इरादे मजबूत होते रहें।
वॉकिंग के संदर्भ में जो काम नहीं करने चाहिए या जिनसे बचना चाहिए वे कुछ इस प्रकार हैं
* शुरू से कुछ सप्ताह में वजन कम होने की उम्मीद न रखें। सप्ताह में तेज गति से 3-4 बार चलने पर फैट कम हो सकता है। वह भी अगर आप हाई कार्बोहाइड्रेट और निम्न वसा वाला भोजन लें।
* अँधेरे में अकेले न घूमें, रात में वॉकिंग करते हुए कोई रिफ्लेक्टिव बेल्ट/ कपड़ा पहनें।
* वॉकिंग सत्र में गैर-हाजिरी न बरतें। कुछ माह में आपको आदत पड़ जाएगी और फिर यह नौबत नहीं आएगी।
* जरूरत से ज्यादा वॉकिंग न करें। बहुत से लोग उत्साह में कुछ ज्यादा ही वॉकिंग कर बैठते हैं जिससे बर्नआउट हो जाता है और वह अपने कार्यक्रम को जारी नहीं रख पाते।
शुरुआत कहाँ से करें
* 40 से ऊपर के पुरुष, 50 से ऊपर की महिलाएँ, जिनको कोई क्रोनिक रोग है या कोई खतरा है तो वे वॉकिंग कार्यक्रम शुरू करने से पहले डॉक्टर की सलाह लें।
* जो राह सुरक्षित व आकर्षक है वहाँ 2-5 कि.मी. का रास्ता नाप लें।
* अपनी कमर, सीना व कूल्हों को नाप लें ताकि आपको प्रगति के बारे में पता चलता रहे।
* एक लॉग बुक खरीद लें ताकि प्रगति व वॉकिंग का रिकार्ड रखा जा सके।
* वॉकिंग शुरू करने से पहले पाँच मिनट तक वार्मअप हों।