भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा सीआरआर, रेपो रेट में की गई बढ़ोतरी, बढ़ी महँगाई दर, आवास कर्ज की ब्याज दरों में खासी वृद्धि और अहमदाबाद में आतंकी हमले जैसे नकारात्मक कारकों से विचलित हुए बगैर भारतीय शेयर बाजारों की मार्च पास्ट जारी है। खिलाड़ियों की सबसे बड़ी आस क्रूड तेल के घटते दामों पर टिकी है और यह माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में महँगाई दर जहाँ कम होगी, वहीं अर्थव्यवस्था में खासा सुधार होगा।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड के दाम 147 डॉलर से घटकर 124 डॉलर प्रति बैरल तक आ गए हैं। अब यह माना जा रहा है कि क्रूड जल्दी ही 110 डॉलर प्रति बैरल के आसपास स्थिर हो जाएगा। आने वाले दिनों में क्रूड के दाम इस पर निर्भर रहेंगे कि इन दोनों देशों के बीच बयानबाजी कैसी रहती है और संबंधों में तनाव कैसा रहता है।
अंतरराष्ट्रीय विलेषक इलियेट का कहना है कि आने वाले दिनों में क्रूड के दाम 100 डॉलर प्रति बैरल तक आ जाएँगे लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि क्रूड में तेजी के दिन हवा हो गए हैं।
वामपंथी दलों के सरकार से हटने के बाद उद्योग जगत, विदेशी निवेशकों और घरेलू निवेशकों का आर्थिक सुधार तेजी से आगे बढ़ने के प्रति विश्वास बढ़ा है। सरकार को आर्थिक सुधारों को अब तेजी से आगे बढ़ाना होगा अन्यथा अर्थव्यवस्था पर प्रतिकूल असर पड़ते देर नहीं लगेगी। मौजूदा सरकार के पास अपने इस भरोसे को पूरा करने के लिए वैसे भी वक्त काफी कम बचा है।
बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज यानी बीएसई सेंसेक्स इस सप्ताह में 15023 अंक से ऊपर बंद होता है तो इसके 15243 तक पहुँचने के आसार हैं। बीएसई सेंसेक्स में सपोर्ट स्तर 14030 अंक का है। जबकि नेशनल स्टॉक एक्सचेंज यानी एनएसई का निफ्टी 4523 अंक से ऊपर बंद होता है तो यह 4590 अंक तक पहुँच सकता है। इसमें सपोर्ट स्तर 4122 अंक है।
तकनीकी विश्लेषक हितेंद्र वासुदेव का कहना है कि बीएसई सेंसेक्स के इस सप्ताह रेसीसटेंस 15130-15259-15422 हैं। इस सप्ताह इन रेसीसटेंस स्तरों की परीक्षा होगी और यदि सेंसेक्स 15422 अंक से ऊपर बंद होता है तो यह चढ़कर 15838-16834-17892 अंक तक जा सकता है। लेकिन, यदि सेंसेक्स सपोर्ट स्तर 14369-14002-13727 को नहीं तोड़ता है तो यह तेजी से बढ़कर 15838 अंक तक पहुँच सकता है।
इस सप्ताह निवेशक इंजीनियरिंग, चाय, सीमेंट शेयरों पर खास नजर रख सकते हैं। इन सेक्टरों की कई कंपनियों के नतीजे इस सप्ताह आ रहे हैं। लेकिन, ऊँची ब्याज दर, महँगाई दर घटाने के कड़े निर्णय की वजह से निवेशकों को बैंक, स्टील और सीमेंट शेयरों की सौदेबाजी में सावधानी बरतनी चाहिए। विदेशी संस्थागत निवेशकों ने अब तक 27 हजार करोड़ रुपए के शेयर बेचे हैं लेकिन अब ये निवेशक मजबूत फंडामेंटल वाली कंपनियों की शेयर निचले स्तरों पर खरीदने लग गए हैं।
इस सप्ताह निवेशक उड़ीसा स्पोंज ऑयरन, लक्ष्मी इलेक्ट्रिक कंट्रोल, भारती एयरटेल, प्राज इंडस्ट्रीज, व्हर्लपूल इंडिया, एक्साइड इंडस्ट्रीज, अभिषेक इंडस्ट्रीज, क्युमिंस, टाइटन इंडस्ट्रीज, एनटीपीसी, टोरेंट पावर, बलरामपुर चीनी, रेणुका शुगर, हरिसन मलयालम, जयश्री टी पर ध्यान दे सकते हैं।