Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

हिन्दी को संयुक्त राष्ट्र की आधिकारिक भाषा बनाने में अड़चन नहीं : सुषमा

हमें फॉलो करें हिन्दी को संयुक्त राष्ट्र की आधिकारिक भाषा बनाने में अड़चन नहीं : सुषमा
नई दिल्ली , सोमवार, 31 अगस्त 2015 (17:10 IST)
नई दिल्ली। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने सोमवार को कहा कि हिन्दी को संयुक्त राष्ट्र की आधिकारिक भाषा बनाने में धन कोई अड़चन नहीं है बल्कि इसके लिए 129 देशों का समर्थन चाहिए। उन्होंने उम्मीद जताई कि भारत का कद जिस तरह लगातार बढ़ रहा है, उससे निकट भविष्य में उसे समर्थन हासिल हो जाएगा।


सुषमा ने 10वें विश्व हिन्दी सम्मेलन का ब्योरा देते हुए यहां कहा क‍ि ये कहना सही नहीं है कि आर्थिक बोझ के कारण हिन्दी को संयुक्त राष्ट्र की आधिकारिक भाषा बनाने में अड़चन है। उन्होंने ये धारणा गलत बताई कि जिस देश की भाषा को संयुक्त राष्ट्र की आधिकारिक भाषा का दर्जा मिलता है, उस देश को उसका आने वाला पूरा खर्च वहन करना पड़ता है।

सुषमा ने कहा कि अगर ऐसा होता भी तो भारत इतना बड़ा देश है और ये खर्च उठाने का उसमें माद्दा है। उन्होंने कहा कि ये खर्च हालांकि किसी एक देश को नहीं उठाना पड़ता और जिस भाषा को संयुक्त राष्ट्र की आधिकारिक भाषा के रूप में स्वीकार किया जाता है, उस पर आने वाला खर्च सभी देशों में बंटता है।

सवालों के जवाब में उन्होंने कहा कि अगर आर्थिक बोझ की ही बात होती तो जापान कब से अपनी भाषा को संयुक्त राष्ट्र की आधिकारिक भाषाओं में शामिल कराना चाहता है और वह खर्च उठाकर ऐसा कर चुका होता।

सुषमा ने कहा कि किसी भाषा को संयुक्त राष्ट्र की आधिकारिक भाषा का दर्जा मिलने के लिए कम से कम 129 सदस्य देशों के समर्थन की जरूरत होती है। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाने संबंधी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रस्ताव को जिस तरह 177 सदस्य देशों ने समर्थन दिया, उससे उम्मीद बंधी है कि आने वाले दिनों में हिन्दी को संयुक्त राष्ट्र की आधिकारिक भाषा का दर्जा हासिल होने में मुश्किल नहीं आएगी।

उनसे सवाल किया गया था कि हिन्दी को संयुक्त राष्ट्र की आधिकारिक भाषा बनाने के लिए 2003 से प्रयास हो रहे हैं लेकिन सरकारें ये दुहाई देती आई हैं कि इससे आर्थिक बोझ बहुत बढ़ जाएगा इसलिए ये मामला आगे नहीं बढ़ पा रहा है।

उन्होंने कहा कि भारत के संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का सदस्य बनाए जाने की स्थिति में हिन्दी को इस विश्व संगठन की आधिकारिक भाषा बनाने का रास्ता आसान हो जाएगा।

विदेश मंत्री ने कहा कि जैसे-जैसे भारत का महत्व बढ़ रहा है, उससे उम्मीद है कि वह दिन जल्द ही आएगा, जब हिन्दी संयुक्त राष्ट्र की आधिकारिक भाषाओं में से एक होगी।

संयुक्त राष्ट्र की फिलहाल 6 आधिकारिक भाषाएं हैं जिनमें अरबी, अंग्रेजी, रूसी, चीनी, फ्रेंच और स्पेनिश शामिल हैं। (भाषा)

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi