Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

चाय बेचते-बेचते सीखी हिन्दी : मोदी

हमें फॉलो करें चाय बेचते-बेचते सीखी हिन्दी : मोदी
भोपाल , गुरुवार, 10 सितम्बर 2015 (14:56 IST)
भोपाल। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को खुलासा किया कि उन्हें हिन्दी नहीं आती थी, लेकिन बचपन में चाय बेचते-बेचते उन्होंने इसे सीख लिया।
 
मोदी ने यहां 10वें विश्व हिन्दी सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए कहा कि मेरी मातृभाषा हिन्दी नहीं, गुजराती है। मुझे अच्छी हिन्दी नहीं आती थी, लेकिन चाय बेचते-बेचते इसे सीखने का अवसर मिल गया। उन्होंने कहा कि मुंबई में दूध का कारोबार करने वाले उत्तरप्रदेश के लोग उनके गांव में किसानों से भैंस खरीदने आया करते थे और उन भैंसों को मालगाड़ी में लादकर ले जाते थे।
 
इस किस्से को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने कहा कि ये व्यापारी ज्यादातर उत्तरप्रदेश के होते थे और कि मैं उन्हें चाय बेचने जाता था। उन्हें गुजराती नहीं आती थी और मुझे हिन्दी नहीं आती थी, लेकिन चाय बेचते-बेचते उन लोगों से बातचीत में मैंने हिन्दी सीखी। 
 
पिछले साल लोकसभा चुनाव में विजय के बाद प्रधानमंत्री का पद संभालने वाले मोदी ने सम्मेलन में उपस्थित लोगों के जोरदार ठहाकों के बीच कहा कि मुझे हिन्दी नहीं आती तो मेरा क्या होता? लोगों तक कैसे पहुंचता? भाषा की क्या ताकत होती है, मुझे भली-भांति ज्ञात है। 
 
काफी विनोदी मूड में नजर आ रहे मोदी ने कहा कि गुजरात में लोग गुजराती में झगड़ा नहीं करते हैं। दो लोगों में झगड़ा होने पर वे हिन्दी में 'तू-तू, मैं-मैं' करने लगते हैं। वे गुजराती में झगड़ा कर ही नहीं सकते, क्योंकि गुजराती में वह भाव नहीं आ पाता। उन्हें लगता है कि हिन्दी मैं लडूंगा तो दूसरे को लगेगा कि ये तो दम वाला है। (भाषा)

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi