Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

स्वप्न, जो हकीकत में बदला-किशोर भुराडिया

हमें फॉलो करें स्वप्न, जो हकीकत में बदला-किशोर भुराडिया
, शुक्रवार, 19 सितम्बर 2014 (18:39 IST)
वेबदुनिया के पूर्व मुख्‍य परिचालन अधिकारी किशोर भुराड़िया ने हिन्दी पोर्टल के 15 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में पाठकों और टीम को बधाई देते हुए कहा कि हमें शुरू से ही उम्मीद थी कि इंटरनेट पर हिन्दी जरूर अपना खास स्थान बनाएगी। अन्तत: हमारा सपना पूरा हुआ।

 
उन्होंने कहा कि इंटरनेट के शुरुआती दौर में अंग्रेजी का ही वर्चस्व था। ऐसे में भारतीय भाषाओं को इस माध्यम पर लाना वाकई बहुत बड़ी चुनौती थी। मगर जब हमने इस दिशा में शोध किया तो मालूम हुआ कि देश में प्रिंट होने वाले 10 बड़े समाचार पत्रों में से 8 भारतीय भाषाओं के पत्र हैं। इस बात ने काफी उत्साहित किया।

जब सालों से चलने वाले समाचार पत्र बिना भारतीय भाषाओं के नहीं चल सकते हैं तो अंतत: इंटरनेट भी बिना भारतीय भाषाओं के नहीं चल सकेगा।

भुराड़िया ने कहा कि शुरुआती दौर में चुनौतियां भी कम नहीं थीं। कोई टूल नहीं था। सबसे पहले ईपत्र नाम से ईमेल सेवा शुरू की गई। कई उतार-चढ़ाव भी आए मगर धीरे धीरे विश्वास भी बढ़ने लगा। अन्तत: हमारा स्वप्न सही साबित हुआ।

मुझे खुशी है कि इंटरनेट पर इस हिन्दी क्रांति में मेरा भी एक छोटा सा योगदान रहा है। मैं वेबदुनिया के पाठकों का इसके लिए आभार व्यक्त करता हूं।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi