वेबदुनिया के संस्थापक और ग्रुप चेयरमैन श्री विनय छजलानी ने विश्व के पहले हिन्दी पोर्टल के पंद्रह वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर अपने बधाई संदेश में कहा कि वेबदुनिया की अब तक यात्रा काफी सुखद रही। हालांकि इस अवधि में काफी उतार-चढ़ाव भी देखे।
उन्होंने कहा कि हमारा सपना यह था कि भारत में हर व्यक्ति अपनी भाषा में कंप्यूटर पर काम कर सके। वेबदुनिया के साथ हमने ई-मेल (ई-पत्र), चैट (ई-वार्ता) और उस समय के अन्य प्राचलित जितने भी उपकरण, जिन्हें हम टूल्स कहते हैं, हमने इंटरनेट पर लांच किए थे। हमारी कोशिश यही थी कि एक आम भारतीय अंग्रेजी का की-बोर्ड उपयोग करके हिन्दी सहित अन्य भारतीय भाषाओं में काम कर सके।
विनयजी ने कहा कि इंटरनेट आज चौपाल की तरह हो गया है। 21वीं सदी डिजिटल मीडिया की होगी। समाज के विकास में भी इसके अहम परिणाम देखने को मिले हैं। मिस्र, लीबिया और साइप्रस की क्रांति में भी इस माध्यम का योगदान रहा है। वेबदुनिया के पाठकों को अपनी 'ताकत' बताते हुए उन्होंने उम्मीद जताई कि उनकी संख्या और सहयोग निरंतर बना रहेगा।
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