Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

84 महादेव : श्री कंटेश्वर महादेव(54)

हमें फॉलो करें 84 महादेव : श्री कंटेश्वर महादेव(54)
प्राचीन समय में राजा सत्य विक्रम थे। शत्रुओं ने उनका राज्य छीन लिया, जिससे वह वन में भ्रमण करने लगे। एक दिन उसने वन में भ्रमण करते हुए वशिष्ठ मुनि का आश्रम देखा। मुनि के पूछने पर राजा ने अपनी पूरी कहानी उनसे कह दी। वशिष्ठ मुनि ने राजा सत्य विक्रम से कहा कि आप अवंतिका नगरी में महाकाल वन के समीप जाएं और वहां आपको एक तपस्वी मिलेंगे। राजा वशिष्ठ मुनि की आज्ञा से महाकाल वन में आए और उस तपस्वी के दर्शन किए। तपस्वी ने अपनी हुंकार से उसे स्वर्ग की अप्सराएं और जल परियों के दर्शन करा दिए।

राजा ने उनसे पूछा कि यह क्या था तो तपस्वी ने कहा कि अब तुम शत्रुओं के नाश के लिए महादेव का पूजन करो। शिवलिंग के दर्शन मात्र से राजा के शत्रु मरण को प्राप्त हो गए और राजा ने निष्कंटक पृथ्वी पर राज्य किया और अंत काल में परमपद को प्राप्त किया। मान्यता है कि कण्टेश्वर के दर्शन मात्र से मनुष्यों के सभी कंटक नाश होते हैं और वह शंकर के सानिध्य को प्राप्त करता है।  ‍विविध मतानुसार यह नीलकंठेश्वर महादेव के नाम से भी जाने जाते हैं। 

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi