Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

84 महादेव : श्री कायावरोहणेश्वर महादेव(82)

हमें फॉलो करें 84 महादेव : श्री कायावरोहणेश्वर महादेव(82)
प्रजापति दक्ष के यज्ञ में भगवान शिव को आंमत्रित न करने पर उमा क्रोधित हो गई और उन्होंने शक्ति से भद्रकाली माया को उत्पन्न किया दूसरी और उमा के यज्ञ में भस्म हो जाने से क्रोधित होकर वीरभद्र को यज्ञ का नाश करने के लिए भेज दिया भद्रकाली और वीरभद्र ने मिलकर यज्ञ स्थल पर हाहाकर मचा दिया उन्होंने देवताओं को प्रताड़ित किया कई देवता प्रकोप से कायाविहिन हो गए कुछ देवता भय के कारण ब्रह्मा की शरण में गए ब्रह्मा कैलाश पर आए और शिव की स्तुति कर देवताओं को पुनः काया कैसे प्राप्त होगी उसका उपाय पूछा तब भगवान शंकर ने कहा, महाकाल वन के दक्षिण द्वार पर स्थित कायावरोहणेश्वर शिवलिंग के दर्शन करें। यह बात सुनकर सभी देवता महाकाल वन में आए और शिवलिंग के दर्शन कर आराधना की और काया को प्राप्त किया देवताओं की काया प्राप्त करने के कारण शिवलिंग कायावरोहणेश्वर के नाम से विख्यात हुआ।


मान्यता है कि जो भी मनुष्य शिवलिंग के दर्शन कर आराधना करता है वह पृथ्वी पर उत्तम राज सुख भोग कर अंतकाल में स्वर्ग में गमन करता है। यह मंदिर करोहन गांव में स्थित है। 

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi