वर्ष 2007 : स्थापित नायिकाएँ पिछड़ीं
नायिकाओं के क्षेत्र में इस वर्ष काफी उथल-पुथल रहीं। रानी, प्रिटी, बिपाशा, ऐश्वर्या जैसी स्थापित नायिकाओं को पीछे धकेलकर कैटरीना, विद्या, दीपिका और लारा दत्ता जैसी अभिनेत्रियों ने हिट फिल्में दीं। आइए देखते हैं क्या रही नायिकाओं की स्थिति :कैटरीना कैफ (नमस्ते लंदन, पार्टनर, अपने, वेलकम)
इस वर्ष तो क्या कैटरीना के पूरे फिल्मी करियर पर नजर डाली जाएँ तो एकाध को छोड़ उसकी सारी फिल्में हिट रही हैं। सलमान खान की प्रेमिका के रूप में पहचानी जाने वाली कैटरीना ने अपनी पहचान बना ली है। अब वह अपने निर्णय खुद लेती है। निर्माता कैटरीना को गंभीरता से लेने लगे हैं। कैटरीना भी अपने अभिनय में लगातार निखार ला रही है। उम्मीद है कि ‘वेलकम’ उसके इस वर्ष के शत-प्रतिशत सफलता के रेकॉर्ड को कायम रखेगी। विद्या बालन (सलाम-ए-इश्क, गुरु, एकलव्य, हे बेबी, भूलभुलैया)
तीन हिट फिल्मों में काम कर विद्या ने अपनी स्थिति बेहद मजबूत कर ली है। ‘हे बेबी’ में अपने आप को मॉडर्न लुक देकर विद्या ने ग्लैमरस बनने की भी कोशिश की। अभिनय विद्या का मजबूत पक्ष है। इसीलिए उसे मणिरत्नम, निखिल आडवाणी, विधु विनोद चोपड़ा और प्रियदर्शन जैसे सितारा निर्देशकों के साथ काम करने का अवसर मिला। 2008 में भी उसकी कुछ उम्दा फिल्में प्रदर्शित होगी। दीपिका पादुकोण (ओम शांति ओम)
दीपिका ने इस वर्ष बॉलीवुड में पदार्पण किया और कई नायिकाओं की नींद उड़ा दी। एक ही फिल्म करने के बाद दीपिका वहाँ पहुँच गई, जहाँ पहुँचने में दूसरी नायिकाओं को वर्षों लग जाते हैं। बॉलीवुड के सारे टॉप बैनर्स और नायक दीपिका को साइन करने के लिए उतावले हो रहे हैं। युवा वर्ग में लोकप्रिय दीपिका इस समय नंबर वन नायिका बनने की सबसे बड़ी दावेदार है। रानी मुखर्जी (ता रा रम पम, लागा चुनरी में दाग, साँवरिया)
अभिनय की महारानी कही जाने वाली रानी अब केवल चुनिंदा फिल्मों में अभिनय करती है। इस वर्ष सफलता उससे दूर रही। ‘लागा चुनरी में दाग’ पूरी तरह से रानी की फिल्म थी, लेकिन टिकट खिड़की पर फ्लॉप हो गई। ‘साँवरिया’ और ‘ता रा रम पम’ जैसी फिल्मों में रानी का अभिनय उम्दा था, लेकिन फिल्म कमजोर होने का खामियाजा रानी को भुगतना पड़ा। शायद रानी अब शादी करने के मूड में हैं। प्रिटी जिंटा (झूम बराबर झूम)
प्रिटी को भी अब अभिनय के बजाय नेस वाडिया प्रिय लगते हैं। सिर्फ एक फिल्म में वह इस वर्ष नजर आई और वो भी फ्लॉप हो गई। लगता है रानी की तरह प्रिटी भी वर्ष 2008 में वैवाहिक बंधन में बँध जाएगी। ऐश्वर्या राय (गुरु, प्रोवोक्ड)
फिल्मों के बजाय ऐश्वर्या शादी, करवा चौथ और धार्मिक स्थलों पर जाने के लिए ज्यादा चर्चित रही। उसके गर्भवती होने के भी कयास लगते रहे। बॉलीवुड के अधिकांश टॉप हीरो से उसकी कुट्टी हो चुकी है। फिल्मों की बजाय परिवार ऐश्वर्या के लिए ज्यादा महत्वपूर्ण हो गया है। इस वर्ष ‘गुरु’ के रूप में उसे सफलता मिली और ‘प्रोवोक्ड’ के रूप में सराहना।
लारा दत्ता (झूम बराबर झूम, पार्टनर)
’झूम बराबर झूम’ जैसी फ्लॉप फिल्म से केवल एक ही व्यक्ति को फायदा पहुँचा और वो है लारा दत्ता। ‘पार्टनर’ ने उसके हिट फिल्म के सूखे को भी खत्म कर दिया। लारा ने यह साबित किया कि वह कॉमेडी भी कर सकती है, बशर्ते मौके मिलें। दो जिस्म एक जान कहे जाने वाली लारा-कैली की जोड़ी को शायद किसी की नजर लग गई और वे अलग हो गए। शिल्पा शेट्टी (मेट्रो, अपने)
वर्ष 2007 शिल्पा की जिंदगी का सर्वश्रेष्ठ वर्ष रहा। ‘बिग ब्रदर’ की विजेता बनने के बाद वह अंतरराष्ट्रीय स्तर की सैलिब्रिटी बन गई है। फिल्मों की बजाय उसका म्यूजिकल शो ‘मिस बॉलीवुड’ जबरदस्त सफल रहा। इस वर्ष प्रदर्शित ‘मेट्रो’ में शिल्पा के अभिनय की प्रशंसा हुई, जबकि ‘अपने’ उसने देओल परिवार से संबंधों की खातिर की। करीना कपूर (जब वी मेट)
करीना ने शाहिद का हाथ छोड़कर सैफ का हाथ पकड़ लिया। बेचारे शाहिद हाथ मलते रह गए। अपनी शर्तों पर जिंदगी जीने वाली करीना पूरे वर्ष अपने इश्क को लेकर चर्चित रही। ‘जब वी मेट’ की कामयाबी का सेहरा उसके सिर बँधा। सैफ के प्यार में दीवानी करीना के पास उम्दा फिल्में हैं, जो अगले वर्ष प्रदर्शित होगी। प्रियंका चोपड़ा (सलाम-ए-इश्क, बिग ब्रदर)
प्रियंका द्वारा सबसे पहले साइन की गई फिल्म ‘बिग ब्रदर’ इस वर्ष सिनेमाघरों का मुँह देख पाई। उसकी दोनों फिल्में असफल रही, लेकिन प्रियंका को खारिज नहीं किया जा सकता। उम्र और निर्देशकों का विश्वास उसके साथ है। आने वाले दिनों में उसकी कुछ अच्छी फिल्म देखने को मिलेगी। हरमन की माला जपने के बजाय उसे अभिनय पर ज्यादा ध्यान देना चाहिए। बिपाशा बसु (नहले पे देहला, गोल)
अपने बॉयफ्रेंड जॉन की तरह बिपाशा को भी इस वर्ष सफलता हासिल नहीं हुई। बिपाशा करियर के बुरे दौर से गुजर रही है। उसके पास अच्छी फिल्मों का अभाव है। जॉन और बिपाशा के बीच ब्रेकअप की खबरें भी इस वर्ष आती रहीं, लेकिन बाद में सब सही हो गया। शायद जॉन-विद्या की खबरों से परेशान होकर ही बिपाशा ने सैफ से अपनी दोस्ती बढ़ाई थी। चाल कामयाब हुई और जॉन बिपाशा के पास दौड़े चले आएँ। सुष्मिता सेन (रामगोपाल वर्मा की आग)
अपनी लाइफस्टाइल के लिए चर्चित सुष्मिता का यह दुर्भाग्य है कि उसे बॉलीवुड में गंभीरता से नहीं लिया जाता। रामू की आग उसकी इस वर्ष प्रदर्शित होने वाली एकमात्र फिल्म रही। ‘दूल्हा मिल गया’ नामक फिल्म कर रही सुष्मिता को अब जल्द ही दूल्हा ढूँढ लेना चाहिए।