आर्थिक संकट और बढ़ती मुद्रास्फीति के दौर में सुरक्षित निवेश माने जाने वाला सोना और चांदी भारी मांग के बीच रिकॉर्ड तोड़ तेजी बरकरार रखते हुए 2011 में उच्चतम स्तर पर पहुंचे।
इस साल सोना (99.5 फीसद शुद्ध) 29,000 रुपए प्रति 10 ग्राम के ऐतिहासिक स्तर पर पहुंचा। शादी-ब्याह के मौसम और कमजोरी इक्विटी बाजार के कारण निवेश के लिए लिवाली के कारण आठ दिसंबर 2011 को यह 29,155 रुपए प्रति 10 ग्राम था।
सोना (99.9 फीसद शुद्ध) इस साल 29,280 रुपए प्रति 10 ग्राम के स्तर पर पहुंच गया। सट्टेबाजी और निवेश के लिए लिवाली के कारण चांदी कीमत 25 अप्रैल 2011 को 31 साल के उच्चतम स्तर 75,020 रुपए प्रति किलो पर पहुंच गया।
आपूर्ति संकट के बारे में अटकलों के बीच सोने वैश्विक स्तर पर तेजी दर्ज हुई। इसके अलावा नेशनल स्पाट एक्सचेंज ने ई-सिल्वर लांच किया जिससे चांदी में सट्टेबाजी तेजी से बढ़ी।
पश्चिम एशिया में मुश्किलों के कारण बढ़ते भू-राजनैतिक तनाव, कच्चे तेल पर असर, वैश्विक इक्विटी में लगातार कमजोरी, उच्च मुद्रस्फीति और वैश्विक आर्थिक वृद्धि के बारे में चिंता के बीच घरेलू बाजार में भी इन बहुमूल्य धातुओं की लगातार खरीद हुई।
मई में वैश्विक बाजारों में इन बहुमूल्य धातुओं की कीमत बेतहाशा गिरी। धातु एक्सचेंज द्वारा कई बाजार मार्जिन की जरूरत बढ़ाने के कारण सट्टेबाजों ने अपना दीर्घकालिक निवेश घटाया, जिसके कारण कीमत गिरी। हालांकि वैश्विक आर्थिक नरमी के कारण सोना और चांदी फिर से रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचे।
यूरो क्षेत्र में ऋण संकट के विस्तार के कारण परेशान हाल निवेशकों ने शेयर जैसे जोखिम भरी परिसंपत्तियों को छोड़कर सोने में निवेश करना शुरू किया। (भाषा)