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पुडुचेरी : सुर्खियों में रही राजनीतिक हलचल, बाढ़ के कहर जैसी घटनाएं

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पुडुचेरी। पुडुचेरी में वर्ष 2015 में एकमात्र राज्यसभा सीट के लिए हुए चुनाव से पहले राजनीतिक हलचल, हाल में आई भयावह बाढ़ एवं उसकी तबाही तथा पांडिचेरी विश्वविद्यालय की कुलपति के खिलाफ छात्रों के प्रदर्शन जैसी घटनाएं सुर्खियों में रहीं।
 
सर्वाधिक महत्वपूर्ण राजनीतिक घटनाक्रम राज्यसभा सदस्य चुनाव के दौरान दिखा। सितंबर में हुए चुनाव को लेकर अटकलें थीं कि कौनसी पार्टी अपने उम्मीदवार उतारेगी। सत्तारुढ़ एआईएनआरसी ने अन्नाद्रमुक को समर्थन दिया और इसके उम्मीदवार एन गोकुलाकृष्णन की सफलता सुनिश्चित की।
 
इस घटनाक्रम से एआईएनआरसी और अन्नाद्रमुक के बीच का गठबंधन बहाल हुआ। गोकुलाकृष्णन निर्विरोध निर्वाचित हुए क्योंकि एआईएनआरसी द्वारा उनका समर्थन करने के अचानक लिए गए फैसले ने अन्य दलों के आधार को डगमगा दिया जिनके मैदान में उतरने की उम्मीद थी।
 
नामांकन दाखिल करने की समय सीमा से चंद घंटे पहले रंगासामी के करीबी मित्र गोकुलाकृष्णन अन्नाद्रमुक के उम्मीदवार के रूप में उतरे।
 
यह घटनाक्रम संकट के नजदीक पहुंच चुकी रंगासामी सरकार को बचाता प्रतीत हुआ। चुनाव से पहले उनकी पार्टी के पांच विधायक असल में उनके खिलाफ बगावत का झंडा थामे हुए थे, जिससे वह पार्टी के उम्मीदवार का नाम बताए बिना चुप्पी साधे हुए थे।
 
लेकिन गोकुलाकृष्णन के कांग्रेस से सीट छीन लेने का घटनाक्रम उस संकट को थामता प्रतीत हुआ जिसका सामना एन रंगासामी के नेतृत्व वाली सरकार करने जा रही थी।
 
पांडिचेरी विश्वविद्यालय के छात्रों का कुलपति चंद्रा कृष्णमूर्ति के खिलाफ विद्रोह भी सुर्खियों में रहा। जुलाई में उनके इस्तीफे की मांग को लेकर छात्रों के कई दिन तक चले आंदोलन के कारण मानव संसाधन विकास मंत्रालय को स्थिति का अध्ययन करने के लिए तीन सदस्यीय टीम गठित करनी पड़ी।
 
छात्र लगातार आरोप लगा रहे थे कि कृष्णमूर्ति ने प्रशासनिक अराजकता की स्थिति उत्पन्न कर दी है और कथित मानवाधिकार उल्लंघन भी हो रहा है। अंतत: मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने सितंबर में कृष्णमूर्ति को निर्देश जारी कर छुट्टी पर चले जाने को कहा और उन्हें आवश्यक प्रतीक्षा में रखा गया।
 
मंत्रालय ने संस्थान के संकाय से कार्यवाहक कुलपति की भी नियुक्ति कर दी। पुडुचेरी को नवंबर और दिसंबर में पूर्वोत्तर मानसून का कहर भी झेलना पड़ा। पुडुचेरी और कराईकल क्षेत्रों में बाढ़ से भारी तबाही हुई।
 
इस साल नाबालिग लड़कियों के यौन उत्पीड़न की घटनाएं भी सामने आईं। आरोपियों में सरकार संचालित एक स्कूल के प्रधानाचार्य तथा यहां के एक निजी स्कूल के प्रबंधन प्रमुख का भी नाम जुड़ा।
 
आरोपियों को यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण कानून 2012 तथा भादंसं की धाराओं के तहत गिरफ्तार किया गया। पड़ोस के तमिलनाडु में हुए राजनीतिक घटनाक्रमों की गूंज पुडुचेरी में भी सुनाई दी। (भाषा)

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