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साल 2016 : सैन्‍यबलों ने हासिल कीं कई उपलब्धियां

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नई दिल्ली। सैन्यबलों के लिए वर्ष 2016 मिलाजुला रहा जबकि रक्षा मंत्रालय ने कई लंबित समझौतों को मंजूरी देकर इस साल अपने खाते में कई उपब्धियां जोड़ीं। राफेल लड़ाकू विमानों का समझौता, अमेरिका के साथ सैन्य संसाधन समझौता, रक्षा खरीद तथा ब्लैकलिस्ट करने संबंधी नई नीतियां और स्वेदश निर्मित परमाणु सक्षम पनडुब्बी को सेवा में शामिल किया जाना उनमें प्रमुख हैं।
नियंत्रण रेखा के पार आतंकी ठिकानों पर विशेष बलों द्वारा साहसिक लक्षित हमले सेना की उपलब्धि रहे जबकि इस साल सेना ने बड़ी संख्या में अपने जवानों को खोया। पाकिस्तान के छद्मयुद्ध की जवाबी कार्रवाई में अकेले जम्मू-कश्मीर में ही 80 सुरक्षाकर्मी शहीद हो गए। सेना ने राज्य में आतंकी बुरहान वानी समेत 160 आतंकियों का खात्मा किया।
 
हथियारबंद उग्रवादियों के साथ लड़ाई के दौरान भी कई सुरक्षाकर्मी शहीद हुए। पठानकोट वायुसेना स्टेशन और उरी तथा नगरोटा में सैन्य शिविरों पर आतंकी हमले बड़ा झटका रहे और इनमें कई जानें गई। प्रशासन और मुआवजे के मुद्दे पर सैन्य बलों के लिए यह साल मिला-जुला रहा।
 
सरकार ने सैन्य बलों के लिए अनुग्रह राशि में उल्लेखलनीय रूप से इजाफा किया जबकि सातवें वेतन आयोग की अनुशंसाओं और प्रशासनिक जिम्मेदारियों में असैन्य समकक्षों के साथ समानता के मुद्दे विवादित बने रहे।
 
सैन्य प्रमुख के चुनाव में लंबे समय से चली आ रही वरिष्ठता क्रम की प्रक्रिया का पालन नहीं करने के सरकार के फैसले से सेना खासकर आर्मर्ड कॉर्प्स में नाराजगी फैल गई। रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर द्वारा आधुनिकीकरण पर जोर देने से सैन्य बलों में प्रसन्नता की लहर फैली। सरकार नई रक्षा खरीद नीति लाई जिसमें जोर 'मेक इन इंडिया' पर रहा। इसके अलावा ब्लैकलिस्ट करने की नीति भी लाई जिसमें पूरी तरह ब्लैकलिस्ट करने के बजाए भारी जुर्माने और कई चरणों में दंड का प्रावधान है। इस सबके साथ मंत्रालय ने रक्षा खरीद भी खूब की।
 
रक्षा मंत्रालय ने कई वषरें से लंबित समझौतों को मंजूरी देने के साथ कई अन्य प्रस्ताव भी मंजूर किए। वर्ष 2016 में सबसे बड़ा समझौता 7.8 अरब यूरो से 36 राफेल लड़ाकू विमान खरीद का रहा।
 
मीडियम मल्टीरोल कॉम्बेट एयरक्राफ्ट (एमएमआरसीए) की फाइल वर्ष 2000 में रखी गई थी। नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने वर्ष 2015 में 126 एमएमआरसीए की मूल निविदा को खत्म करते हुए फ्रांस के साथ 36 राफेल का सीधा समझौता किया।
 
आधुनिक हथियारों से लैस यह विमान परमाणु बम ले जाने में सक्षम है। यह भारत की सामरिक क्षमता में इजाफा करेगा। स्वदेश निर्मित परमाणु सक्षम पनडुब्बी अरिहंत को सेवा में शामिल किया गया हालांकि सरकार ने अभी तक इसकी आधिकारिक घोषणा नहीं की है।
 
भारत और रूस के बीच दूसरी परमाणु सक्षम पनडुब्बी को पट्टे पर देने पर बनी समझ भी एक अह्म सामरिक कदम रहा, हालांकि इसके नियम और शर्तों पर अभी काम चल रहा है। स्वदेश निर्मित हल्के लड़ाकू विमान तेजस को शामिल करना बड़ा कदम रहा। भारत और रूस ने 5वीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान कार्यक्रम पर बातचीत फिर से शुरू की।
 
एम777 हल्की तोपों का अनुबंध हुआ जिनमें से ज्यादातर को सेना चीन के साथ सीमा पर तैनात करेगी। बोफोर्स घोटाले के बाद भारत सरकार द्वारा मंजूर किया गया यह तोपों की खरीद का पहला समझौता है। इनकी बेहतर तैनाती सुनिश्चित करने के लिए मंत्रालय ने भारी सामान ले जाने में सक्षम चिनूक हेलिकॉप्टर समझौता किया।
 
अमेरिका के साथ 22 अपाचे हमलावर हेलिकॉप्टरों के समझौते ने वायुसेना की क्षमता में और इजाफा किया। अमेरिका के साथ सैन्य संसाधन समझौता हुआ। संप्रग सरकार ने इस समझौते से इनकार कर दिया था लेकिन पर्रिकर इस पर आगे बढ़े जब अमेरिका ने भारत की शर्तों के मुताबिक इसे फिर से तैयार किया। जांच एजेंसियों ने रक्षा बिचौलियों पर छापेमारी की।
 
साल के अंत में स्वदेश निर्मित परमाणु सक्षम अंतर महाद्वीपीय अग्नि 5 का चौथा और सफल परीक्षण हुआ। इसकी रेंज में पूरा चीन आता है। (भाषा)
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