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भैरवाष्टमी पर इस आरती से करें काल भैरव को प्रसन्न

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भगवान शंकर के अवतारों मे भैरव जी का विशिष्ट स्थान है| अगर आप जीवन में मनोवांछित फल पाना चाहते है तो आपको पूरे मन से भगवान श्री काल भैरव की आरती अवश्‍य करनी चाहिए। आइए पढ़ें भैरव जी की पावन आरती... 
 
श्री काल भैरव की आरती
 
जय भैरव देवा, प्रभु जय भैंरव देवा।
जय काली और गौरा देवी कृत सेवा।।
 
तुम्हीं पाप उद्धारक दुख सिंधु तारक।
भक्तों के सुख कारक भीषण वपु धारक।।
 
वाहन शवन विराजत कर त्रिशूल धारी।
महिमा अमिट तुम्हारी जय जय भयकारी।।
 
तुम बिन देवा सेवा सफल नहीं होंवे।
चौमुख दीपक दर्शन दुख सगरे खोंवे।।
 
तेल चटकि दधि मिश्रित भाषावलि तेरी।
कृपा करिए भैरव करिए नहीं देरी।।
 
पांव घुंघरू बाजत अरु डमरू डमकावत।।
बटुकनाथ बन बालक जन मन हर्षावत।।
 
बटुकनाथ जी की आरती जो कोई नर गावें।
कहें धरणीधर नर मनवांछित फल पावें।।

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