Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

कालसर्प योग में राहत देता हैं श्री सर्प सूक्त का पाठ

हमें फॉलो करें कालसर्प योग में राहत देता हैं श्री सर्प सूक्त का पाठ
जिस जातक की जन्मपत्रिका में कालसर्प योग होता है उसका जीवन अत्यंत कष्टदायी होता है। इस योग से पीड़‍ित जातक मन ही मन घुटता रहता है। उसका जीवन कुंठा से भर जाता है। जीवन में उसे अनेक प्रकार की परेशानियां उठानी पड़ती हैं। ऐसे जातक को श्री सर्प सूक्त का पाठ राहत देता है। 


 
ब्रह्मलोकेषु ये सर्पा शेषनाग परोगमा:।
 
नमोस्तुतेभ्य: सर्पेभ्य: सुप्रीतो मम सर्वदा।।1।।
 
इन्द्रलोकेषु ये सर्पा: वासु‍कि प्रमुखाद्य:।
 
नमोस्तुतेभ्य: सर्पेभ्य: सुप्रीतो मम सर्वदा।।2।।
 
कद्रवेयश्च ये सर्पा: मातृभक्ति परायणा।
 
नमोस्तुतेभ्य: सर्पेभ्य: सुप्रीतो मम सर्वदा।।3।।

इन्द्रलोकेषु ये सर्पा: तक्षका प्रमुखाद्य।
 
नमोस्तुतेभ्य: सर्पेभ्य: सुप्रीतो मम सर्वदा।।4।।
 
सत्यलोकेषु ये सर्पा: वासुकिना च रक्षिता।
 
नमोस्तुतेभ्य: सर्पेभ्य: सुप्रीतो मम सर्वदा।।5।।
 
मलये चैव ये सर्पा: कर्कोटक प्रमुखाद्य।
 
नमोस्तुतेभ्य: सर्पेभ्य: सुप्रीतो मम सर्वदा।।6।।

पृथिव्यां चैव ये सर्पा: ये साकेत वासिता।
 
नमोस्तुतेभ्य: सर्पेभ्य: सुप्रीतो मम सर्वदा।।7।।
 
सर्वग्रामेषु ये सर्पा: वसंतिषु संच्छिता।
 
नमोस्तुतेभ्य: सर्पेभ्य: सुप्रीतो मम सर्वदा।।8।।
 
ग्रामे वा यदि वारण्ये ये सर्पप्रचरन्ति।
 
नमोस्तुतेभ्य: सर्पेभ्य: सुप्रीतो मम सर्वदा।।9।।

समुद्रतीरे ये सर्पाये सर्पा जंलवासिन:।
 
नमोस्तुतेभ्य: सर्पेभ्य: सुप्रीतो मम सर्वदा।।10।।
 
रसातलेषु ये सर्पा: अनन्तादि महाबला:।
 
नमोस्तुतेभ्य: सर्पेभ्य: सुप्रीतो मम सर्वदा।।11।।



Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

कालसर्प दोष शांति निवारण के लिए शुभ है नागपंचमी...