दीपावली के बाद आने वाले भाई दूज पर्व पर यमुना माता की आरती उतारी जाती है। यमुना जी की आरती (Shri Yamunaji Aarti) पढ़ने या सुनने मात्र से ही भगवान श्री कृष्ण जी का आशीर्वाद प्राप्त होता है। यमुना जी की आरती सच्चे मन से करने से यम का भय खत्म हो जाता है।
यमुना जी की आरती (Yamuna ji ki Aarti)
ॐ जय यमुना माता, हरि ॐ जय यमुना माता,
जो नहावे फल पावे सुख सुख की दाता
ॐ पावन श्रीयमुना जल शीतल अगम बहै धारा,
जो जन शरण से कर दिया निस्तारा
ॐ जो जन प्रातः ही उठकर नित्य स्नान करे,
यम के त्रास न पावे जो नित्य ध्यान करे
ॐ कलिकाल में महिमा तुम्हारी अटल रही,
तुम्हारा बड़ा महातम चारों वेद कही
ॐ आन तुम्हारे माता प्रभु अवतार लियो,
नित्य निर्मल जल पीकर कंस को मार दियो
ॐ नमो मात भय हरणी शुभ मंगल करणी,
मन 'बेचैन' भय है तुम बिन वैतरणी
ॐ ॐ जय यमुना माता, हरि ॐ जय यमुना माता।