Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

सम्मान के साथ सेवा का अवसर

हमें फॉलो करें सम्मान के साथ सेवा का अवसर
अशोक जोश
चिकित्सा क्षेत्र के प्रति बच्चों के बढ़ते आकर्षण का पहला कारण यह है कि सारी दुनिया में डॉक्टरी एक नोबल प्रोफेशन माना जाता है। यह चिकित्सक ही है जिसने असाध्य रोगों पर विजय प्राप्त कर मृत्युदर को पीछे छोड़ दिया है और इंसानी जिंदगी को न केवल आसान किया है, बल्कि उसे शतायु बनाने के प्रयास भी जारी हैं। डॉक्टर ऐसा शख्स होता है, जिसके प्रति न केवल रोगी सम्मान प्रकट करते हैं बल्कि जब आपके परिवार का कोई सदस्य जिंदगी और मौत के साथ संघर्ष कर रहा होता है तो ईश्वर के बाद डॉक्टर ही वह शख्स होता है जिसके प्रति परिजनों की आस्था सर्वोपरि होती है।

अपनी सेवाओं तथा चिकित्सकीय खोजों से चिकित्सकों ने जो सम्मान प्राप्त किया है, वह अन्य किसी पेशेवर को हासिल नहीं है। दुनिया के ऐसे समृद्ध और शक्तिशाली इंसान जिनके सिर कभी किसी के सामने झुके नहीं हैं, वे भी चिकित्सकों के समक्ष अपने या अपने परिजनों की जीवन सुरक्षा की खातिर नतमस्तक होते दिखाई दिए हैं। डॉक्टरों का पेशा, रहन-सहन, जीवनशैली, सामाजिक प्रतिष्ठा और उन्हें इस पेशे से होने वाली आय कुछ ऐसे कारण हैं, जिनसे आकर्षित होकर छात्र सम्मानपूर्ण करियर निर्माण की खातिर डॉक्टर बनने की चाहत रखते हैं। युवतियों में तो यह चाहत कुछ ज्यादा ही होती है, क्योंकि डॉक्टरी का यह पेशा उनके लिए सबसे ज्यादा सुरक्षित और सम्मानपूर्ण जो होता है।

देश-विदेश में हैं अवस
डॉक्टर के रूप में करियर निर्माण का सपना सँजोने का एक प्रमुख कारण यह भी है कि यह एक यूनिवर्सल प्रोफेशन है, जिसकी सारी दुनिया में माँग है। भारतीय चिकित्सकों के लिए न केवल देश में बल्कि विदेशों में भी एक से बढ़कर एक अवसर उपलब्ध हैं। भारत में कार्यरत चिकित्सक जहाँ मान और सम्मान पाता है, वहीं विदेशों में कार्यरत डॉक्टर असीम सुविधाओं का उपभोग करते हुए करियर निर्माण की राह पर लगातार अग्रसर होते रहते हैं।

इस पेशे में रिटायरमेंट जैसी कोई बात नहीं होती उल्टे अनुभव का पारस इस पेशे को स्वर्णिम बना देता है। यही कारण है कि कठिन डगर होने के बावजूद हर साल लाखों युवक-युवतियाँ बारहवीं उत्तीर्ण करने के साथ ही विभिन्ना प्रतियोगी परीक्षाओं के माध्यम से उस पेशे की खोज में निकल पड़ते हैं, जो दुनिया का सबसे आदर्श पेशा माना जाता है।

चर्चित है चिकित्सा का क्षेत्
यह तय है कि अधोसंरचनाओं की कमी और कड़ी प्रतिस्पर्धा के चलते चिकित्सा क्षेत्र में प्रवेश पाना हर किसी के बूते की बात नहीं है, फिर भी साल-दर-साल प्री मेडिकल टेस्ट में बढ़ती प्रत्याशियों की संख्या और कोचिंग कक्षाओं पर उमड़ती भीड़ दर्शाती है कि डॉक्टरी का पेशा कितना चर्चित है?

मेडिकल एजुकेशन का प्रवेश द्वार एआईपीएमट
पूरे देश में फैले मेडिकल/डेंटल कॉलेजों की कुल सीटों में से लगभग 15 प्रतिशत सीटों पर ऑल इंडिया प्री-मेडिकल/प्री-डेंटल एंटरेंस एक्जाम अर्थात एआईपीएमटी द्वारा भर्ती की जाती है। इस प्रतिष्ठापूर्ण प्रवेश परीक्षा का आयोजन द सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकंडरी एक्जामिनेशन, दिल्ली द्वारा किया जाता है।

इसकी घोषणा आमतौर पर प्रतिवर्ष अक्टूबर-नवंबर माह में की जाती है तथा मार्च या अप्रैल माह में टेस्ट आयोजित कराई जाती है। जहाँ तक मेडिकल/डेंटल कॉलेजों में प्रवेश परीक्षा का प्रश्न है, इसे अखिल भारतीय स्तर के साथ-साथ राज्य के अनुसार भी आयोजित किया जाता है। इसके अलावा एम्स तथा आर्म्डफोर्स मेडिकल कॉलेज पुणे जैसे राष्ट्रीय स्तर के संस्थानों द्वारा अपने यहाँ प्रवेश के लिए अलग से प्रवेश परीक्षाएँ आयोजित की जाती हैं।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi