जिस प्रकार खरीफ व रबी सीजन की कुछ फसलों का बीमा किया जाता है, उसी तरह फलों का भी बीमा किया जाए ताकि प्राकृतिक आपदा से होने वाले नुकसान का कुछ मुआवजा किसान को मिल सके। यह माँग क्षेत्र के कृषकों ने प्रदेश के कृषि मंत्री को पत्र भेजकर की है।
गौरतलब है कि खरीफ-रबी की फसलों की नुकसानी का मुआवजा तो कृषि बीमा के माध्यम से मिल जाता है, लेकिन फलों के लिए मुआवजा नहीं मिल पाता है। यही कारण है कि पिछले दिनों ग्राम छोटा बड़दा और मोहीपुरा सहित अन्य स्थानों पर आई आँधी के कारण बड़े पैमाने पर केले की फसल प्रभावित होने पर किसानों में मायूसी है। जानकारी के मुताबिक जिले में नर्मदा क्षेत्र के किसान बड़े पैमाने पर केला, पपीता, जाम, गन्ना, मिर्च फसल का उत्पादन करते हैं।
कृषक शिरीष यादव, यशपाल यादव ने बताया कि उन्होंने 8 एकड़ क्षेत्र में केले की फसल लगाई थी और 15 दिन बाद कटाई शुरू होने वाली थी, पर प्रकृति के कहर से सब बर्बाद हो गया। इस फसल को तैयार करने में साढ़े तीन लाख रु. का खर्च हुआ था। यादव ने बताया कि जो पौधे टूट कर गिर गए हैं उन्हें घाटे में बेचना पड़ रहा है। कृषक भगवान सेप्टा ने बताया कि किसान नई-नई तकनीक से फलों का उत्पादन करता है, पर बीमा नहीं होने से उसे भारी नुकसान सहना पड़ता है। कृषकों ने शासन से माँग की है कि फलों के लिए बीमा किया जाए। (नईदुनिया)