एक बार अकबर बादशाह ने अपने प्रिय दरबारी बीरबल से पूछा- तुम इतने काले रंग के कैसे हो गए? बादशाह की बात में कुछ चिढ़ाने वाला पुट भरा था।
बीरबल ने कहा- जहांपनाह, जब अल्ला ताला के यहां खैरात बांटी जा रही थी तो उन्होंने सब खैरात प्राणियों के सामने रख दी। सब लोगों ने अपनी इच्छा एवं आवश्यकता के अनुसार उनमें से वस्तुएं चुन ली।
जहांपनाह मैं बुद्धि एवं विद्या ही लेता रह गया। रूप रंग की तरफ ध्यान ही नहीं गया। इसके विपरीत आप मात्र रूप रंग ही लेते रह गए। आपका ध्यान बुद्धि एवं विद्या की तरफ गया ही नहीं।
इस प्रकार बीरबल ने यह सिद्ध किया कि वह बुद्धिमान है, किंतु बदसूरत हैं। इसके विपरीत बादशाह खूबसूरत किंतु बेवकूफ हैं।