Biodata Maker

Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

अक्षय तृतीया पर अबूझ मुहूर्त का क्या है महत्व, जानिए क्यों नहीं देखते हैं मुहूर्त

Advertiesment
हमें फॉलो करें akshaya tritiya par kya kya karna chahie

WD Feature Desk

, मंगलवार, 29 अप्रैल 2025 (14:32 IST)
akshaya tritiya 2025 date and time: हिन्दू पंचांग कैलेंडर के अनुसार वर्ष 2025 में अक्षय तृतीया 30 अप्रैल, बुधवार को मनाई जाएगी। धार्मिक शास्त्रों के अनुसार अक्षय तृतीया को एक अबूझ मुहूर्त माना जाता है, जिसका अर्थ है कि इस पूरे दिन कोई भी शुभ कार्य किया जा सकता है और खरीदारी की जा सकती है बिना किसी विशेष मुहूर्त को देखें। बुधवार के साथ रोहिणी नक्षत्र वाले दिन पड़ने वाली अक्षय तृतीया को अत्यधिक शुभ माना जाता है। 
 
तृतीया तिथि प्रारम्भ- 29 अप्रैल 2025 को शाम 05:31 बजे से प्रारंभ।
तृतीया तिथि समाप्त- 30 अप्रैल 2025 को दोपहर 02:12 बजे समाप्त।
 
अक्षय तृतीया पर अबूझ मुहूर्त का महत्व:
बताया जाता है कि वर्ष में साढ़े तीन अक्षय मुहूर्त है। जिसमें प्रथम व विशेष स्थान अक्षय तृतीया का है। तीन चन्द्र दिवस, युगादि यानी हिंदू नववर्ष, अक्षय तृतीया तथा विजय दशमी को किसी भी शुभ कार्य को आरम्भ करने अथवा सम्पन्न करने हेतु किसी प्रकार के मुहूर्त की आवश्यकता नहीं होती है, क्योंकि ये तीन दिन सभी अशुभ प्रभावों से मुक्त होते हैं। यानी इस तिथि के दिन मुहूर्त देखे बगैर कार्य करते हैं क्योंकि पूरा दिन ही शुभ माना जाता है। इस दिन स्वयंसिद्ध मुहूर्त माना गया है। अक्षय तृतीया (अखातीज) को अनंत-अक्षय-अक्षुण्ण फलदायक कहा जाता है। जो कभी क्षय नहीं होती उसे अक्षय कहते हैं।
 
अक्षय तृतीया पर कौनसे शुभ कार्य करते हैं?
  • यह तिथि किसी भी नए काम की शुरुआत, खरीददारी, विवाह के लिए बहुत ही शुभ मानी जाती है।
  • अक्षय तृतीया विवाह के लिए शुभ समय माना गया है।
  • समस्त शुभ कार्यों के अलावा प्रमुख रूप से शादी, स्वर्ण खरीदने, नया सामान, गृह प्रवेश, पदभार ग्रहण, वाहन क्रय, भूमि पूजन तथा नया व्यापार प्रारंभ कर सकते हैं।
  • अक्षय तृतीया के दिन भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की पूजा विधि-विधान से करने से मनवांछित फल की प्राप्ति होती है। इसी दिन पितृ श्राद्ध करने का भी विधान है।
  • पितरों (पूर्वजों) के नाम से दान करके किसी ब्राह्मण को भोजन कराना चाहिए।
  • अक्षय तृतीया के दिन पंखा, जौ, गेहूँ, चने, सत्तू, दही, चावल, दूध से बने पदार्थ, नमक, घी, चीनी, सब्जी, फल, इमली और वस्त्र वगैरह का दान अच्छा माना जाता है।
  • इसी दिन भगवान श्रीकृष्ण ने युधिष्ठिर के पूछने पर यह बताया था कि आज के दिन जो भी रचनात्मक या सांसारिक कार्य करोगे, उसका पुण्य मिलेगा।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

अक्षय तृतीया पर क्या खरीदें और क्या नहीं खरीदें?