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...इसलिए जल्द आए अमेरिका में नतीजे

हमें फॉलो करें ...इसलिए जल्द आए अमेरिका में नतीजे
वेबदुनिया न्यूज , गुरुवार, 6 नवंबर 2008 (17:57 IST)
अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव की सुचारु कार्यप्रणाली और द्रुत परिणाम दुनियाभर में चर्चा का विषय बने हुए हैं। हर कोई हैरतमंद है कि आखिर ऐसा क्या हुआ जो सबसे शक्तिशाली देश के पहले नागरिक का चयन इतनी आसानी से और बगैर विवादों के हो गया...।

अमेरिकी चुनावों का सुगमता से निपटना इसलिए भी काबिले गौर है, क्योंकि पिछले चुनावों में रिपब्लिकन और डेमोक्रेट दोनों दलों के बीच प्रचार, मतदान और रुझान को लेकर शुरुआत से अंत तक विवाद के किस्से लगातार सामने आते रहे। इसका सीधा असर नतीजों पर पड़ा।

यही वजह थी कि 'सुपरपॉवर' की सत्ता किसके हाथों में होगी, इसे लेकर अमेरिकियों की उत्सुकता का अंत जल्द नहीं हो सका। मूल में जाएँ तो इस तेजी की पुख्ता वजहें सामने आती हैं।

पहला इस बार दोनों ही दलों ने मतदान के वक्त अपने-अपने वकीलों को तैनात कर रखा था, ताकि किसी भी विवाद की स्थिति से निपटा जा सके। दूसरा निर्वाचन आयोग और राजनीतिक दलों के बीच मतदान की अवधि पचास दिन करने पर सहमति बन गई। परिणामस्वरूप मतदाताओं के लिए मतदान के लिए समय निकालना आसान रहा।

उल्लेखनीय है कि अमेरिका में ऐसी व्यवस्था है कि निर्वाचन आयोग और सीनेटर दोनों मिलकर यह तय करते हैं कि पूरे चुनाव कितनी अवधि के लिए संपादित किए जाएँगे। यह जानना भी मौजूँ होगा कि इस मर्तबा अमेरिका में मतदान के लिए पचास दिन मुकर्रर किए गए थे।

शायद इतनी लंबी अवधि के कारण ही नवनिर्वाचित राष्ट्रपति बराक ओबामा की दादी अपने निधन से दो दिन पूर्व वोटिंग कर सकीं।

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