अजय बर्वे
वेस्टइंडीज के लिए चैंपियंस ट्रॉफी का सफर उतार-चढ़ाव वाला रहा है। 1998 से लेकर 2006 के बिच वेस्टइंडीज ने 2004 में इस खिताब पर कब्जा किया था। इसके अलावा 1998 और 2006 में भी उसने फाइनल में जगह बनाई, लेकिन खिताब जीतने में नाकाम रही। 1998 में दक्षिण अफ्रीका और 2006 में ऑस्ट्रेलिया ने फाइनल में हराकर वेस्टइंडीज को खिताब से वंचित कर दिया।
1998: क्वार्टर फाइनल में वेस्टइंडीज का सामना पाकिस्तान से हुआ। पहले बल्लेबाजी करते हुए वेस्टइंडीज ने पाकिस्तान के सामने 289 रनों का विशाल स्कोर खड़ा किया। पाकिस्तान ने इस लक्ष्य को पाने के लिए पूरा दम लगा दिया लेकिन उसे सफलता हाथ नहीं लगी और वेस्टइंडीज ने इस मैच में 30 रनों से जीत दर्ज करते हुए सेमीफाइनल में प्रवेश किया।
सेमीफाइनल में वेस्टइंडीज का सामना भारत से हुआ। भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 242 रन बनाए। वेस्टइंडीज ने इस लक्ष्य को 47 ओवरों में ही प्राप्त कर लिया और फाइनल में प्रवेश किया। फाइनल में उसका सामना दक्षिण अफ्रीका से हुआ। वेस्टइंडीज के 245 रनों का पीछा करते हुए दक्षिण अफ्रीका ने यह लक्ष्य 4 विकेट रहते प्राप्त कर लिया और खिताब पर कब्जा किया।
2000: केन्या में हुए इस टूर्नामेंट में वेस्टइंडीज को पहले ही मैच में हार का सामना करना पड़ा और इसका नतीजा यह रहा की वेस्टइंडीज टूर्नामेंट से बाहर हो गया। श्रीलंका ने पहले बल्लेबाजी करते हुए अविष्का गुनावर्धने के 132 और महिला जयवर्धने के 72 रनों की मदद से 287 रन बनाए। जवाब में वेस्टइंडीज 179 रन ही बना पाई।
2002: एक बार फिर वेस्टइंडीज पूल मुकाबलों में ही टूर्नामेंट से बाहर हो गया। अपने पहले मैच में वेस्टइंडीज का सामना दक्षिण अफ्रीका से हुआ। दक्षिण अफ्रीका ने इस मैच में 2 विकेट से जीत दर्ज की। वेस्टइंडीज ने 8 विकेट खोकर 238 रन बनाए। जवाब में दक्षिण्ा अफ्रीका ने इस लक्ष्य को 49 आवरों में प्राप्त कर लिया। इस तरह वेस्टइंडीज लगातार दूसरी बार इस टूर्नामेंट से पूल मुकाबलों में ही बाहर हो गया।
2004: आखिरकार वेस्टइंडीज इस बार खिताब जीतने में कामयाब हुआ। ग्रुप मैचों में बांग्लादेश पर 138 रनों की जीत के बाद वेस्टइंडीज ने दक्षिण अफ्रीका को 5 विकेट से हराकर सेमीफाइनल में जगह बनाई। सेमीफाइनल में उसका सामना पाकिस्तान ने हुआ। पकिस्तान की टीम इस अहम मुकाबले में कुछ खास नहीं कर पाई और 131 रनों के साधारण स्कोर पर ढेर हो गई। वेस्टइंडीज ने इस आसान जीत के साथ टूर्नामेंट के फाइनल में प्रवेश किया।
फाइनल में वेस्टइंडीज का मुकाबला मेजबान टीम इंग्लैंड से हुआ। इंग्लैंड ने इस मैच में कुछ खास प्रदर्शन नहीं किया। मार्कस ट्रेस्कोथिक के 104 रनों के अलावा कोई भी इंग्लिश बल्लेबाज वेस्टइंडीज के सामने टिक नहीं पाया और वेस्टइंडीज को 217 रनों का लक्ष्य मिला। वेस्टइंडीज की शुरुआत खराब रही शिवनारायण चन्द्रपॉल के अलावा कोई भी बल्लेबाज अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाया, लेकिन आखिर में 9वें विकेट के लिए कर्टनी ब्राउन और इयान ब्रेडशॉ की 71 रनों की बेशकिमती साझेदारी ने खिताब वेस्टइंडीज के नाम कर दिया।
2006: पिछल बार की चैंपियन टीम इस बार भी पूरे जोश से आगे बढ़ रही थी। वेस्टइंडीज ने क्वालिफाइंग मुकाबलों में बांग्लादेश और जिम्बाब्वे को हराने के बाद पूल मैचों में प्रवेश किया। पूल मुकाबलों में श्रीलंका से 9 विकेट से हारने के बाद भारत को 3 विकेट से और ऑस्ट्रेलिया को 10 रनों से हराया। एक और मुकाबले में उसे इंग्लैंड ने 3 विकेट से हरा दिया, लेकिन इसके बाद भी वेस्टइंडीज सेमीफाइनल में अपनी जगह बनाने में कामयाब रहा। सेमीफाइनल में उसका सामना दक्षिण अफ्रीका से हुआ।
दक्षिण्ा अफ्रीका पर 6 विकेट की जीत के साथ वेस्टइंडीज फाइनल में ऑस्ट्रेलिया से मुकाबला करने उतरी। लेकिन इस बार तकदीर ने उसका साथ नहीं दिया। बारिश ने मैच में बाधा डाल दी और ऑस्ट्रेलिया को इसका फायदा मिला। डकवर्थ लुईस मैथड द्वारा ऑस्ट्रेलिया को 8 विकेट से विजेता घोषित किया गया।
2009: वेस्टइंडीज बोर्ड के साथ अनुबंध के विवदों के चलते वेस्टइंडीज ए टीम को मुख्य टीम के रूप में खेलने का मौका मिला। लेकिन इस टीम में अनुभव की कमी नजर आई। चैंपियंस ट्रॉफी में भी इसी टीम को भेजा गया है और इस टीम के पिछले प्रदर्शन से उम्मीद नहीं है की वे इस बार टूर्नामेंट जीत पाएँगे। वेस्टइंडीज की टीम को भारत पाकिस्तान और ऑस्ट्रेलिया के साथ पूल ए में रखा गया है।
2009 चैंपियंस ट्रॉफी के लिए वेस्टइंडीज की टीम इस प्रकार है: वेस्टइंडीज टीम- फ्लायड रीफर (कप्तान), डेरन सैमी (उपकप्तान), डेविड बर्नार्ड जूनियर, टिनो बेस्ट, रायस्टन क्रेंडन, ट्रेविस डाउलिन, आंद्रे फ्लेचर, निकिता मिलर, डेरेन पावेल, केईरोन पावेल, डेल रिचर्डस, केमार रोश, डेवन स्मिथ, गेविन टोंगे और चाडविक वाल्टन।