बेटे को पसंद नहीं था मेरा घर से जाना-सचिन
नई दिल्ली। मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंडुलकर का बेटा इस दिग्गज बल्लेबाज के क्रिकेट दौरे पर जाने से बेहद नाराज हो जाता था और यहाँ तक कि गुस्से में टेलीफोन पर बात करने से भी इनकार कर देता था।तेंडुलकर ने कहा कि शुरू-शुरू में यह सब काफी कठिन था क्योंकि मेरे बेटे को मेरा घर से जाना पसंद नहीं आता था और जब मैं क्रिकेट दौरे पर जाता था तो पहले पाँच साल तो वह मुझसे टेलीफोन पर भी बात नहीं करता था लेकिन अब उसे पता है कि मैं क्या करता हूँ और मेरा खेल पसंद भी करता है।यह पूछने पर कि क्या वे चाहते हैं कि उनका बेटा भी उनके नक्शेकदम पर चलते हुए एक क्रिकेटर बने, उन्होंने कहा कि मैं अजरुन पर किसी तरह का दबाव नहीं डालूँगा कि वह किस खेल से जुडे।
मुंबई का यह जाँबाज बल्लेबाज हमेशा से कहता आया है कि वह कभी भी रिकॉर्ड बनाने के लिए नहीं खेलता, लेकिन उन्होंने यह स्वीकार किया कि एक बात हमेशा उनके जहन में रहती थी कि उन्हें अपने आदर्श सुनील गावस्कर के 35 टेस्ट शतक का रिकॉर्ड भंग करना है।सचिन ने कहा कि मैं सुनील गावस्कर को खेलते हुए देखकर बड़ा हुआ हूँ इसलिए शुरू में मैंने 35 शतक का लक्ष्य बनाया था। हम क्रिकेट जीवन में उनके उदाहरण अपनाते है, अगर आप महान क्रिकेटर बनना चाहते तो सबसे पहले आप को 34 शतक के रिकॉर्ड को पार करना होगा।उन्होंने कहा कि सुनील गावस्कर और विवियन रिचर्ड्स दोनों मेरे हीरो रहे हैं और हमेशा से मैं खुद को इन दोनों का मिश्रण समझता हूँ। जब मुझे आक्रामक होना हो तो विवियन की तरह और जब एकाग्रता, मानसिक दृढ़ता, साहस और प्रतिबद्धता की जरूरत हो तो गावस्कर की तरह खेलना चाहता हूँ।उन्होंने कहा कि हमारे अंदर नंबर एक बनने की क्षमता, भावना, इच्छा और भूख है और हम इस तरफ बढ़ भी रहे हैं। अगर आप पिछले कुछ वर्षों का टीम का प्रदर्शन देखें तो यह बहुत अच्छा रहा है। (भाषा)