1943 में तीन ऑस्कर अवॉर्ड जीत चुकी क्लासिक फिल्म केसाब्लांका आज भी उतनी ही तरोताजा और प्रासंगिक है, जितनी उस वक्त थी। यह एक अमेरिकन रोमांटिक ड्रामा है। निर्देशक मिशेल कुर्तिज ने दूसरे विश्व युद्ध के हालातों में एक प्रेम कहानी गढ़ी है। यह कहानी रिक ब्लैंक के इर्द-गिर्द घूमती है, जो केसाब्लांका में एक कैफे चलाता है। कहानी में एक दिलचस्प मोड़ आता है, जब पुरानी प्रेमिका इलसा अपने पति विक्टर के साथ अचानक एक दिन रिक के सामने आ जाती है।
रिक के पास एक ऐसा अनुमति पत्र है, जिसकी मदद से दो लोग योरप पार कर अमेरिका पहुँच सकते हैं। प्यार में डूबे इलसा और रिक विक्टर को अमेरिका भेज साथ रहने का फैसला करते हैं। फिल्म के अंत में देखने लायक है कि रिक यह पत्र किसे देता है। किरदार, संगीत और संवाद तीनों ही श्रेणियों में यह फिल्म अव्वल है। फिल्म संदेश देती है कि प्यार का मतलब केवल हासिल करना नहीं होता। त्याग और शौर्य की ये अनोखी दास्तान प्यार के एक नए अर्थ को प्रस्तुत करती है।