प्यार के इस मौसम में एक एलबम शिद्दत से याद आता है, जिसमें पुराने गाने नए अंदाज में पेश किए गए थे। फिल्म दिल विल प्यार व्यार में नया म्यूजिक न क्रिएट करते हुए राहुल देव बर्मन के क्लासिक्स को उनके ही ग्रुप के सदस्य बबलू चक्रबर्ती ने रिट्यून किया। 14 सदाबहार गीतों को हरिहरन, अभिजीत और अलका याज्ञनिक की आवाज में सुनना एक सुरीला अनुभव है। तेरे बिना जिंदगी से शिकवा, गुम है किसी के प्यार में, ओ हंसिनी, तुम बिन जाऊँ कहाँ को सुनते हुए लगता है कि गाने वालों ने आरडी को सही मायनों में आदरांजलि दी हो।
बाबुल सुप्रियो ने पड़ोसन का गाना कहना है, बिलकुल किशोर दा के अंदाज में गाया है। अभिजीत की दिलकश आवाज में इसी फिल्म का दूसरा गीत मेरे सामने वाली खिड़की में सुनकर दिल मदहोश हो जाता है। इस पुराने एलबम को ढूँढ़कर सुनिए और खो जाइए इश्क की वीरान हसीं वादियों में। इस एलबम की टैग लाइन थी द न्यू साउंड ऑफ म्यूजिक। राहुल दा के संगीत का नया रूप है, दिल विल प्यार व्यार।