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न्यूज रूम (23 फरवरी 2012)

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अब घुस नहीं पाएँगे वाइरस : आगामी मार्च से इंटरनेट पर वाइरस और हैकर्स के हमले बेअसर हो जाएँगे। इस नई व्यवस्था में संचार कंपनियाँ अब आईपीवी-6 के जरिए इंटरनेट सेवाएँ देंगी। इस तकनीक में नेट पर काम करना पहले से ज्यादा सुरक्षित होगा। उपभोक्ता का डिवाइस भी वाइरस के हमलों से बेअसर रहेगा। इसके लिए कम्प्यूटर में कोई नया डिवाइस नहीं लगाना होगा। देश की 26 संचार कंपनियों ने इस व्यवस्था को अपनाने की सहमति दे दी है। आईटी विभाग इस नई व्यवस्था के बारे में लोगों को बताने के लिए एक जागरूक अभियान शुरू करने जा रहा है।

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दृष्टिहीन अजीत बने आईएएस : हरियाणा के दृष्टिहीन अजीत कुमार का आईएएस बनने का सपना पूरा हो गया है। अब वे देश के दूसरे दृष्टिहीन आईएएस बन गए हैं। उन्होंने 2008 में भारतीय प्रशासनिक सेवा की परीक्षा पास की थी। टॉप रैंक आने के बाद भी उन्हें आईएएस न देकर आईआरपीएस दे दिया गया। अजीत ने कोर्ट की शरण ली। 2010 में हक में फैसला आने के बाद भी उन्हें नियुक्त नहीं किया गया। आखिरकार प्रधानमंत्री के हस्तक्षेप के बाद उन्हें मसूरी में आईएएस अफसर के रूप में नियुक्ति मिली है।

फेस्टिवल के लिए लिया कर्ज : युवा फिल्म निर्देशक मोहन कुमार वलसला की डाक्यूमेंट्री पंचभूत को बर्लिनाले फिल्म फेस्टिवल में एंट्री मिली है, लेकिन सरकार ने उन्हें कोई आर्थिक मदद नहीं दी है। मोहन कुमार को बर्लिन जाने के लिए दोस्तों और रिश्तेदारों से पैसे उधार लेने पड़े, क्योंकि उनके पास एयर टिकट के पैसे भी नहीं थे।

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शॉर्ट डाक्यूमेंट्री कैटेगरी में चुनी गई इस फिल्म में कोलकाता के धापा डंपिंग ग्राउंड के बारे में बताया गया है। हालाँकि सूचना मंत्रालय ने मोहन को भरोसा दिया है कि वापस लौटने पर उन्हें यात्रा का खर्च दिया जाएगा।

मंदी में बार टेंडर बन रहे छात्र : ब्रिटेन में ऑक्सफोर्ड से स्नातक की डिग्री लेने के बाद भी लोगों को बार टेंडर और बैरे का काम करना पड़ रहा है। आर्थिक मंदी से जूझ रहे ब्रिटेन में प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय के छात्रों के लिए भी नौकरियाँ उपलब्ध नहीं हैं। डिग्री लेने के बाद 3500 छात्रों में से करीब 200 को छोटे-छोटे काम करने पड़ रहे हैं। उन्हें लिपिक का काम करना पड़ रहा है तो कहीं बार टेंडर की नौकरी मिल रही है। डॉक्टर, बैंक कर्मचारी भी संघर्ष कर रहे हैं।

ये अमेरिका के गाल पर तमाचा : अमेरिका परमाणु कार्यक्रम को लेकर ईरान को अलग-थलग करने के लिए भारत समेत दूसरे देशों पर दबाव डाल रहा है। अमेरिका ने कहा है कि भारत का ईरान से तेल लेने का फैसला अमेरिका के गाल पर तमाचे की तरह है। अमेरिका के पूर्व राजनयिक निकोलस बर्न्स ने कहा कि भारत का कदम दुखी करने वाला है। भारत के इस कदम से ईरान का हौसला और बढ़ेगा और उसका परमाणु कार्यक्रम दुनिया के लिए खतरा बनेगा। उन्होंने भारत के साथ अमेरिका परमाणु समझौते में मुख्य भूमिका निभाई थी।

महिलाओं के लिए सैन्य पद खुले : अमेरिकी रक्षा विभाग ने महिलाओं के लिए 14 हजार पद खोलने की घोषणा की है। इनमें सैन्य इकाइयों के पद भी शामिल हैं। पेंटागन 1994 के उस नियम को बदलना चाहता है, जो महिलाओं को युद्ध मैदान में सेवाएँ देने वाली यूनिट में शामिल होने से रोकता है। पेंटागन की ओर से भेजी गई एक अधिसूचना में कहा गया है कि महिलाओं के लिए प्रतिबंधित रहे सैन्य पदों को अब खोला जा रहा है। इन पदों में टैंक मैकेनिक और फील्ड आर्टिलरी राडार ऑपरेटर जैसे पद शामिल हैं।

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