अब तक महिला लेखन पर अपनी लेखनी चलाती आई बेस्ट सेलर नाओमी वुल्फ अपनी नई किताब 'द एंड ऑफ अमेरिका : द लेटर ऑफ वार्निंग टू ए यंग पेट्रियाट' के माध्यम से अपने देशवासियों को आगाह करती है। वे अपनी किताब में बताती है कि देश में लोकतंत्र का बना रहना कितना जरूरी है। इस किताब में योरप और दूसरे देशों में सत्ता की उठापटक का उदाहरण देकर बताया गया है कि अमेरिका में भी ऐसा होना संभव है। यदि सरकारें नहीं मानीं तो ये हो सकता है। वुल्फ की यह किताब अमेरिका के आज के घटनाक्रम और बीसवीं शताब्दी के घटनाक्रम के भीतर साम्य भयावह ढंग से दर्शाती है।
इस किताब के माध्यम से वुल्फ चेतावनी देती है कि अमेरिकी समाज धीमे-धीमे अराजकता की ओर बढ़ रहा है। वुल्फ जोर देकर कहती है कि समाज अचानक ही तानाशाही की ओर नहीं मुड़ते। सरकारी नीतियाँ लंबे समय से ऐसा माहौल बनाती है। किताब भले ही अमेरिका के लिए लिखी गई हो, लेकिन भारत के लिए भी इसकी प्रासंगिकता कम नहीं है।