Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

शॉपिंग से ज्यादा टाइम पास

Advertiesment
हमें फॉलो करें शॉपिंग से ज्यादा टाइम पास
हर नए कल्चर को खुद में समेट लेने वाले इंदौर ने बड़ी सहजता से मॉल कल्चर को भी अपनी संस्कृति का हिस्सा बना लिया है। आमतौर पर युवा ही सबसे ज्यादा मॉल्स में देखे जाते हैं। यूथ के बिजी शेड्‌यूल को देखते हुए शॉपिंग मॉल्स समय बचाने के लिए है, न कि टाइम पास करने के लिए। देखा जा रहा है कि कॉलेज गोइंग युवाओं में से कुछ युवा हफ्ते में कम से कम तीन दिन मॉल्स में जाते हैं और तीन से चार घंटे वहाँ गुजारते हैं।
ND

युवा ने मॉल्स में यूथ बिहेवियर को लेकर अलग-अलग एज ग्रुप के युवाओं से बात की। इस सर्वे से मालूम हुआ कि टीनएजर और कॉलेज गोइंग यूथ आमतौर पर सप्ताह में 12-15 घंटे शॉपिंग मॉल्स में बिता रहे हैं।

युवा का ये सर्वे शहर के प्रमुख तीन शॉपिंग मॉल्स में शॉपिंग कर रहे और वक्त बिता रहे युवाओं से बातचीत पर आधारित है। कई युवाओं ने बताया कि यदि मॉल्स में समय बिता रहे हैं तो क्या बुरा है, किसी को तकलीफ तो नहीं पहुँचा रहे। कुछ युवा ऐसे थे, जो मॉल्स में ज्यादा समय बिताना वक्त की बरबादी समझते हैं। हालाँकि मॉल्स उन्हें भी बहुत पसंद है, लेकिन वे एक सीमित समय तक ही यहाँ रुकना पसंद करते हैं। कुछ युवा मानते हैं कि मॉल्स में डेटिंग नहीं होना चाहिए और कुछ का कहना था कि ये उनकी स्वतंत्रता है। इस सर्वे से मालूम हुआ कि यूथ के लिए मोबाइल और नेट की तरह शॉपिंग मॉल्स भी इच्छाओं से ज्यादा जरूरत बनते जा रहे हैं। वे ब्राण्ड कॉन्शस हैं और टाइम बचाना चाहते हैं।

आँकड़ें उपलब्ध नहीं हैं
दुनियाभर के शॉपिंग मॉल्स में कई तरीकों से कस्टमर बिहेवियर जानने की कोशिश की जाती है। अमेरिका में खासतौर से यूथ बिहेवियर जानने के लिए कई संस्थाओं की मदद ली जाती है। वर्तमान में मॉल्स में युवाओं का व्यवहार जानने के लिए वहाँ शॉपर्स की मोबाइल ट्रेकिंग की मदद से यूथ बिहेवियर जाना जा रहा है। हमारे शहर में विभिन्न तकनीकों के माध्यम से मॉल में आ रहे कस्टमर्स की संख्या और रोज की सेल के आँकड़े तो जुटा लिए जाते हैं, लेकिन कस्टमर बिहेवियर को लेकर कोई आँकड़े उपलब्ध नहीं हैं। शायद हमारे मॉल्स को जानने की जरूरत भी नहीं है कि उनका कस्टमर मॉल में किस तरह का व्यवहार करता है।

समझदार है इंदौर का यूथ
सी 21 मॉल के पीआरओ विपुल त्रिवेदी ने बताया कि हमारे यहाँ यूथ का बिहेवियर कभी पार नहीं होता। इंदौर का यूथ बहुत समझदार है और कल्चर को देखते हुए व्यवहार करता है। कोई यदि शॉपिंग मॉल में टाइम पास कर रहा है तो उसे रोका नहीं जा सकता। हाँ, यदि कोई अपने व्यवहार से दूसरों को तकलीफ दे रहा है तो फिर एक्शन लेना ही पड़ता है। वैसे युवा टाइम पास करने से ज्यादा मॉल में अपने फायदे के लिए आता है। उसे एक ही जगह पर वाजिब कीमतों में ब्राण्ड्‌स मिल जाते हैं।

हमारा मॉल रोमिंग नहीं
सेंट्रल मॉल के सीनियर मार्केटिंग एक्जीक्यूटिव पीयूष तिवारी ने बताया कि हमारे यहाँ रोज लगभग 10 000 फुट फाल्स देखने को मिलते हैं और इनमें यूथ का हिस्सा बहुत ज्यादा है। यूथ के लिए मॉल टाइम पास नहीं, बल्कि शॉपिंग करने के लिए बहुत उपयोगी जगह है। हमारा रोमिंग मॉल नहीं है, इसलिए घूमने-फिरने के लिए ज्यादा ऑप्शंस नहीं हैं। वैसे भी कोई मॉल में आएगा तो कम से कम एक घंटा तो यहाँ बिताएगा ही।

15-20 एजग्रुप : टीनएजर्
* हफ्ते में कम से कम तीन बार मॉल जाते हैं।
* शॉपिंग तो कम करते हैं, लेकिन घूमते ज्यादा हैं।
* डेटिंग के लिए परफेक्ट हैं मॉल्स।
* फ्रेंड्‌स साथ हो तो दो से तीन घंटे तक गुजारते हैं।
* लड़कियों को निहारने के लिए भी मॉल्स पसंद करते हैं।
* जब भी शॉपिंग करना हो मॉल क्वालिटी पर ही भरोसा करते हैं।
* पर्चेसिंग पावर कम, इसलिए शॉपिंग से ज्यादा टाइम पास।

20-25 एजग्रुपः कॉलेज गोइंग यू
* कॉलेज से आते समय अक्सर कॉफी यहीं पी जाती है। जॉब करने वाले कभी-कभी लंच ब्रेक में भी आ जाते हैं।
* कम से कम दो या तीन घंटे एंजॉय करते हैं।
* हफ्ते के 12-13 घंटे मॉल्स में बिताना वे समय की बरबादी नहीं मानते।
* नए और सस्ते ब्राण्ड पसंद करने में टाइम लगता ही है। मॉल्स की क्वालिटी पर आँख मूँदकर यकीन करते हैं।
* समय की कमी के कारण खास दोस्त से यहाँ बेझिझक मिला जा सकता है।
* अपनी हदें कभी पार नहीं करते, क्योंकि ये पब्लिक प्लेस है।

हमारे साथ WhatsApp पर जुड़ने के लिए यहां क्लिक करें
Share this Story:

वेबदुनिया पर पढ़ें

समाचार बॉलीवुड ज्योतिष लाइफ स्‍टाइल धर्म-संसार महाभारत के किस्से रामायण की कहानियां रोचक और रोमांचक

Follow Webdunia Hindi