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सम्मान का अंधा दंभ है ऑनर किलिंग

- गायत्री शर्मा

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शैक्षणिक, आर्थिक और सामाजिक बदलाव की दुहाई देकर देश के विकास की बात करने वाले हम लोग उस समय क्यों मौन साधे बैठ जाते हैं, जब शिक्षित व सभ्य कहाने वाले हम लोगों के बीच ही ऑनर कीलिंग के नाम पर हर साल कई बेगुनाह मौत के घाट उतार दिए जाते है?

सम्मान का अंधा नशा, जिसकी भेंट चढ़ते हैं ऐसे युवा, जो अपनी खुशियों के लिए समाज व परिवार के विरूद्घ कदम उठाते हैं और बदले में मौत पाते हैं। इसे हम ऑनर किलिंग का नाम देते हैं। ऑनर किलिंग का ताजा और चर्चित मामला है हरप्रीत कौर की हत्या का।

पंजाब सरकार में पूर्व कैबिनेट मंत्री रह चुकी बीबी जागिर कौर को हाल ही में अपनी बेटी हरप्रीत
ऑनर किलिंग के बढ़ते मामलों की मुख्य वजह हमारी संकुचित सोच है। यही शिक्षित होते हुए भी हमें सभ्य व जिम्मेदार नहीं बनने देती। संक्षेप में कहें तो सामाजिक सम्मान की दुहाई देकर कानून को अपने हाथों में लेना कोई समझदारी नहीं है
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और उसके गर्भस्थ शिशु की हत्या व साक्ष्य छुपाने के आरोप में 5 वर्ष कारावास की सजा सुनाई है। आपकी जानकारी के लिए बीबी जागीर कौर की बेटी हरप्रीत ने उनकी इच्छा के विरूद्घ निचली जाति के युवक कमलजीत सिंह से प्रेम विवाह किया था। हरप्रीत के विवाह के बाद जब जागिर कौर को उसके गर्भवती होने का पता लगा तो उन्होंने अपने कुछ सहयोगियों की मदद लेकर हरप्रीत का उसकी इच्छा के विरूद्घ गर्भपात करा दिया। गर्भपात के लिए खिलाई गई गोलियों के धीमे जहर से हरप्रीत व उनके गर्भस्थ शिशु दोनों की मृत्यु हो गई। हरप्रीत की मृत्यु के मामले को दबाने के लिए आनन फानन में उसका अंतिम संस्कार करवा दिया गया।


इस पूरे मामले में रोचक मोड़ तब आया, जब कमलजीत ने हरप्रीत व उसके गर्भस्थ शिशु की हत्या के
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लिए बीबी जागिर कौर को दोषी ठहराते हुए कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। कई वर्षों तक चले इस प्रकरण में सीबीआई कोर्ट ने जागिर कौर को उनकी बेटी की हत्या के आरोप से मुक्त करते हुए केवल गर्भपात कराने का दोषी ठहराया। राजनीति व कानून के जटिल तारों में उलझा यह मामला अपने पीछे कई अनुत्तरित प्रश्न छोड़ गया है। जिन पर गहराई से चर्चा करने के लिए हमने बात की शहर के कुछ युवाओं से-


बीबी जागिर कौर की पैठ राजनीति में होने का यह अर्थ नहीं है कि कानून उन्हें किसी विशेष व्यक्ति की तरह ट्रीट करे। ऐसा कहने वाली अनंत कौर की मानें तो जागिर कौर को ऐसी कड़ी सजा मिलनी चाहिए थी, जो किसी आम अपराधी को हत्या के मामले में दी जाती है। नेहा टिर्की ऑनर किलिंग मामलों की एक बड़ी वजह हमारे सामाजिक परिवेश को मानती हैं, जिसमें हमारी परवरिश हुई होती है। हरप्रीत कौर की मौत को नेहा ऑनर किलिंग का एक गंभीर मामला मानती हैं, जिसमें बीबी जागिर कौर के रूप में शिक्षित समाज का एक वीभत्स चेहरा हमारे सामने आता है। माँ-बेटी के रिश्ते को कलंकित करने वाले इस मामले में जागिर कौर को ऐसी कड़ी सजा दी जानी चाहिए थी, जिसे देखकर भविष्य में कोई भी ऐसा कृत्य करने से पहले सौ बार सोचे।

ऋतुराज भाटी देश में ऑनर किलिंग के बढ़ते मामलों की मुख्य वजह समाज की संकुचित सोच व अशिक्षा को मानते हैं। उनके अनुसार शिक्षित समाज के लोग इस तरह की चीजों के बारे में कम ही सोचते हैं। लेकिन राजनीति व ग्लैमर जगत में अक्सर ऐसे मामले प्रकाश में आते हैं, जिसमें सामाजिक मान-प्रतिष्ठा को बचाने के लिए युवाओं को अपनी इच्छा के विरूद्घ तलाक और विवाह जैसे कई समझौते करने पड़ते हैं। चूँकि बीबी जागिर कौर राजनीति में एक सम्माननीय पद पर आसीन रही हैं, यही वजह है कि अपने नाम, सामाजिक प्रतिष्ठा व कुर्सी के अभिमान में उन्होंने यह घृणित
कृत्य किया।

उनका यह कृत्य किसी भी तरह से माफी के योग्य नहीं है। मैं चाहता हूँ कि उन्हें ऐसी सजा दी जाए जिसके भय से ऐसे मामलों की कभी पुनरावृत्ति न हो।

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