Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

झूठ पकड़ने का आसान तरीका

Advertiesment
हमें फॉलो करें झूठ पकड़ने का आसान तरीका
कभी-कभी ऐसे मौके आ जाते हैं कि हम सभी को अपनी रोजमर्रा की लाइफ में थोडे झूठ बोलना पड़ते हैं, इसके विपरीत कुछ लोग झूठ बोलने के आदी हो जाते हैं और बड़े-बड़े झूठ बोलने में भी नहीं हिचकते। समय के साथ विज्ञान के नए नए अविष्कारों की झड़ी लगा दी। इन्हीं में से एक अविष्कार था झूठ पकड़ने वाली मशीन का।

विज्ञान ने झूठ पकड़ने वाली मशीन यानी की लाई डिटेक्टर को ईजाद किया है, इसके साथ ही एक कैमिकल ऐसा होता है जिसके उपयोग के बाद कुछ समय तक न चाहते हुए भी इंसान को सच बोलना ही पड़ता है जिसे 'ट्रूथ सीरम' के नाम से जाना जाता है, लेकिन इसका इस्तेमाल बहुत गंभीर मामलों में किया जाता है। छोटे-मोटे झूठ पकड़ने के लिए मशीन का इस्तेमाल संभव नहीं लेकिन विज्ञान ने छोटे झूठ पकड़ने का भी इंतजाम कर रखा है, जरूरत है तो सिर्फ थोड़ा ध्यान लगाने की। हम आपको यहां बता रहे हैं कि कैसे पता लगाएं कि कोई झूठ बोल रहा है?

जब कोई झूठ बोलता है तो उनकी नाक में साधारण भाषा में कहा जाने वाला 'पिनोकियो' प्रभाव पड़ता है यानी उसकी नाक गर्म हो जाती है। पिनोकियो बच्चों की कहानियों का एक बहुत प्रसिद्ध पात्र है जिसकी नाक पर झूठ बोलने से बदलाव साफ दिखाई देते थे। झूठ बोलने वाले की नाक के आसपास के स्थान का तापमान बढ़ जाता है। झूठ बोलने पर तापमान न सिर्फ नाक के आस पास बढ़ता है, बल्कि आप की आंखों के नाक से जुडे हुए किनारों भी गर्म हो जाते हैं।

इसी तरह जब हम कोई दिमागी काम करते हैं तो हमारे चेहरे का तापमान नीचे चला जाता है, लेकिन इसके विपरीत जब हमें कोई चिंता सताती है तब हमारे चेहरे का तापमान बढ़ जाता है। ये सारे निष्कर्ष विज्ञान की एक शाखा थर्मोग्राफी के द्वारा साबित किए जाते हैं जिसमे शरीर के तापमान में होने वाले बदलावों को माप कर विभिन्न प्रकार के प्रभावों की जांच की जाती है।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi