शारदीय नवरात्रि 28 सितंबर से शुरू हो रही है। प्रतिपदा तिथि दोपहर 12.45 तक रहेगी। इसके चलते सर्वार्थ सिद्धि योग स्थापना के दिन दोपहर 1.37 तक रहेगा। वर्षों बाद ऐसा संयोग बन रहा है, जब चंद्र प्रधान हस्त नक्षत्र में नवरात्रि का शुभारंभ होगा। यह भक्तों के लिए उत्तम और फलकारी संयोग का सचेतक है।
कलश स्थापना इस बार सुबह 9.34 से 12.24 तक अभिजीत मुहूर्त में होगी और 5 अक्टूबर को शारदीय नवरात्रि का समापन होगा। इसके चलते यह नवरात्रि 8 दिन की होगी।
ज्योतिषाचार्य दत्तात्रय होस्करे के अनुसार अभिजीत मुहूर्त के साथ वृश्चिक नक्षत्र होने से कलश स्थापना करने वाले उपासकों के लिए तिथि शुभ और प्रगति कारक होगी। इसके अलावा भी लोग अपराह्न - 3.43 से शाम 5.17 तक कुंभ लग्न में और रात 8.30 से 10.30 तक कलश स्थापना कर सकते हैं। इस बार शारदीय नवरात्रि 8 दिन की होगी।
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ऐसा इसलिए हो रहा है, क्योंकि द्वितीया और तृतीया 29 सितंबर को रिक्ता तिथि में पड़ रही है। इस कारण नवरात्रि इस बार 8 दिन की होगी। एक ही दिन में दो तिथि होने के बारे में ज्योतिषाचार्य कहते हैं कि 29 को सुबह 9.02 मिनट तक द्वितीया तिथि है। उसके बाद तृतीया तिथि शुरू हो रही है, जो 30 सितंबर को सूर्य उदय से पहले प्रातः 5.32 तक रहेगी। उसके चलते दो तिथि का संयोग 29 को हो रहा है।
शुभ फलकारी रहेगी पंचमी पंडित दत्तात्रय ने बताया कि शारदीय नवरात्रि की पंचमी 1 अक्टूबर को अनुराधा नक्षत्र में शुरू हो रही है। यह नक्षत्र शनि प्रधान होने के कारण पंचमी की महत्ता प्रभावकारी और शुभ फलकारी होगी। पंचमी को व्रत करने वाले उपासकों को रात में माता का श्रृंगार और आराधना करने से उन्हें हर तरह के ऐश्वर्य प्राप्त होंगे।