चींटियाँ भी रिटायर होती हैं
, शनिवार, 8 जनवरी 2011 (13:34 IST)
जब पत्तियाँ खाने वाली चींटियों के दाँत घिस जाते हैं तो पता हैं वो क्या करती है? वो रिटायर हो जाती है।ओरेगॉन विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं का कहना हैं कि बूढ़ी चींटियाँ पत्तियाँ काटने की बजाय उसे ढोने का काम करने लगती हैं। पत्तियाँ काटने वाली चींटियों को कीड़ों की दुनिया का किसान माना जाता हैं।ये मेहनतकश चींटियाँ बहुत काम करती हैं। एक चींटी एक पत्ती को काट कर उसे ढोती है और उसका वजन उसके शरीर के भार से पचास गुना ज्यादा होता है। चींटियाँ एक कतार बना कर मेहनत से तोड़ कर लाई गई पत्तियाँ ढो कर अपने घर लेकर जाती हैं।यहाँ ये चींटियाँ इन पत्तियों को जमीन पर बिछाती है ताकि इस पर फंगस या फफूंद उग जाए। ये फफूंद है जो उनके लिए भोजन पैदा करता हैं। पर जब एक चींटी के दाँत घिस जाते हैं तो उसका टीम में काम धीमा पड़ जाता हैं।बूढ़ापे में बदला रोल : शोधकर्ताओं का कहना हैं कि बूढ़ी चींटियों के लिए पत्ती काटना और उन पर पकड़ बनाना मुश्किल हो जाता है। पर जब उनको इन शोधकर्ताओं ने करीब से देखा तो पाया कि जिनके जबड़े घिस जाते हैं तो वो अपना काम पूरी तरह से बदल देती हैं।काटने का काम वो युवा चींटियों पर छोड़ देती हैं और खुद माल ढ़ोने का काम ले लेती हैं। शोध से पता चलता हैं कि व्यवस्थित चींटियों के समाज में हर चींटी अपने मन मुताबिक काम कर सकती हैं। इस तरह वो अपने बुढ़ापे में भी अपनी उपयोगिता बनाएँ रख सकती हैं।