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ब्यूटी की दुश्मन स्किन एलर्जी

कॉन्टैक्ट डरमेटाइटिस को समय पर पहचानें

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कई लोगों की त्वचा अत्यधिक सेंसेटिव होती है। किसी विशेष चीज के संपर्क में आने पर त्वचा पर एलर्जी उत्पन्न हो जाती है। ऐसे में उन्हें उन चीजों से दूर रहने की जरूरत होती है। किसी विशेष चीज के संपर्क में आने के बाद त्वचा पर खुजलाहट, जलन, दाने, ददोरे, लाल हो जाना आदि समस्या दिखाई दे तो समझना चाहिए कॉन्टैक्ट डरमेटाइटिस की शिकायत है।

कॉन्टैक्ट डरमेटाइटिस के लक्षण
कॉन्टैक्ट डरमेटाइटिस की शिकायत होने पर जैसे ही एलर्जिक तत्व के संपर्क में शरीर आता है, तुरंत या 24 घंटे के भीतर उस स्थान पर लक्षण दिखाई देने लगते हैं। त्वचा का लाल होना, खुजली, जलन, चींटियां चलना, गरम हो जाना, फुंसियां होना, छाले पड़ना, ददोरे दिखाई देना, सूजन, दर्द आदि दिखाई देने लगते हैं।

प्लास्टिक, निकेल, धातु, चमड़े आदि की एलर्जी की वजह से घाव हो सकते हैं। पक भी सकते हैं। जैसे कान या नाक में कृत्रिम ज्वेलरी पहनने से पक सकते हैं। जूता-चप्पल के काटने से उस स्थान पर घाव हो जाते हैं।

एलर्जिक तत्व से संपर्क हटने के बाद कुछ दिनों में त्वचा सामान्य हो जाती है। किसी-किसी की त्वचा पर यह एलर्जी काफी गंभीर हो जाती है। लगातार एलर्जी होने पर गंभीर त्वचा रोग में बदल जाती है।

कॉन्टैक्ट डरमेटाइटिस उभारने वाले तत्व
केमिकल वाली चीजें- बिंदी, खराब क्वालिटी की लिपिस्टिक, नेल पॉलिश, हेयर डाई, कुमकुम, फेस क्रीम, शेविंग क्रीम, साबुन, परफ्यूम, दवाइयां, पेंट, पॉलिश आदि।

अन्य चीजें- कृत्रिम जेवर, चश्मों के फ्रेम, घड़ी का पट्टा, जूते-चप्पल, वाशिंग पावडर, कलर, प्लास्टिक, स्याही, गाड़ी की स्टेयरिंग, पेट्रोल, डीजल, मिट्टी का तेल, मोबिल ऑयल, नए या पुराने नोट, सिक्के आदि।

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कॉन्टैक्ट डरमेटाइटिस का इलाज
कॉन्टैक्ट डरमेटाइटिस से बचने का सबसे सही और आसान उपाय है, जिस चीज से त्वचा पर एलर्जी होती है, उस चीज को नोट करके रखें और उस चीज का इस्तेमाल करना ही बंद कर दें। जब वह चीज त्वचा के संपर्क में नहीं आएगी तो कॉन्टैक्ट डरमेटाइटिस की शिकायत उत्पन्न नहीं होगी।

खानपान में परहेज करें, अधिक मात्रा में खट्टी चीजें, अधिक मिर्च मसाला, तैलीय चीज, बासी खाना आदि का इस्तेमाल न करें।

त्वचा की साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दें। त्वचा अधिक संवेदनशील होने पर अंडरगारमेंट सुबह-शाम बदलें, शर्ट-पेंट रोजाना बदलें।

दूसरों के बिस्तर, टॉवेल, दूसरों के पहनने के कपड़े आदि का इस्तेमाल न करें।

नई-नई चीजों से शरीर में एलर्जी होने पर डॉक्टर को अवश्य दिखाएं।

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