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चला मुसद्दी...ऑफिस-ऑफिस

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हमें फॉलो करें चला मुसद्दी ऑफिस ऑफिस
बैनर : ईगल फिल्म्स
निर्माता : उमेश मेहरा, राजेश मेहरा, राजीव मेहरा
निर्देशक : राजीव मेहरा
गीत : गुलजार
संगीत : साजिद-वाजिद
कलाकार : पंकज कपूर, देवेन भोजानी, मनोज पाहवा, संजय मिश्रा, हेमंत मिश्रा, असावरी जोशी
रिलीज डेट : 5 अगस्त 2011

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आम आदमी बनाम सिस्टम की लड़ाई को लेकर जनवरी 2000 में ‘ऑफिस ऑफिस’ नामक धारावाहिक शुरू किया गया था जो देखते-देखते आम आदमी के जीवन का हिस्सा बन गया। हंसने के साथ-साथ यह धारावाहिक सोचने पर भी मजूबर करता था। जून 2007 तक यह धारावाहिक ‘ऑन एअर’ रहा और इस दौरान इसे 50 से ज्यादा पुरस्कार मिले। धारावाहिक के कलाकारों पंकज कपूर (मुसद्दीलाल), देवेन भोजानी (पटेल), मनोज पाहवा (भाटिया), संजय मिश्रा (शुक्ला), हेमंत पांडे (पांडेजी) और असावरी जोशी (उषाजी) ने अपार लोकप्रियता हासिल की। इन्हीं कलाकारों को लेकर अब फिल्म बनाई गई है जो ‘चला मुसद्दी : ऑफिस-ऑफिस : द मूवी’ नाम से रिलीज हो रही है।

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स्कूल मास्टर मुसद्दीलाल त्रिपाठी रिटायर हो चुका है। उसकी पत्नी बहुत बीमार है। वह उसे अस्पताल ले जाता है जहां डॉक्टरों की बेरूखी और लालच के चलते उसकी पत्नी की मौत हो जाती है। अपने बेरोजगार बेटे के साथ मुसद्दी पत्नी की अस्थियां विसर्जित करने पवित्र स्थान की ओर चल पड़ता है।

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मुसद्दी की अनुपस्थिति में उसके घर पेंशन ऑफिसर आता है। घर में किसी को न पाकर वह पड़ोसी गुप्ता से मुसद्दी के बारे में बातचीत करता है। गुप्ता बताता है कि मुसद्दी तो बहुत दूर चले गए हैं। पेंशन ऑफिसर इसका मतलब ये निकालता है कि मुसद्दी अब इस दुनिया में नहीं रहे। फाइल में वह मुसद्दी को मृत घोषित कर देता है।

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मुसद्दी घर लौटता है और यह जानकर स्तब्ध रह जाता है कि सरकारी फाइलों में उस मृत मान लिया गया है। पेंशन ऑफिस के स्टाफ को वह जताने की पूरी कोशिश करता है कि वह जीवित है, लेकिन वे बिना सबूत के इस पर विश्वास करने से इंकार करते हैं।

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निराश होकर मुसद्दी उन सबूतों को जुटाता है जिससे साबित हो सके कि वह जीवित है, लेकिन पेंशन ऑफिस के कर्मचारी ये ठानकर बैठे हैं कि वे अधिकारिक रूप से उसे जीवित नहीं मानेंगे और उसके द्वारा लाए गए हर सूबत में कुछ कमी निकालेंगे क्योंकि वे उसकी पेंशन राशि हड़प चुके हैं।

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मुसद्दी हार मानने वालों में से नहीं है और वह कानून को अपने हाथ में लेने का निर्णय लेता है। क्या मुसद्दी को न्याय मिल सकेगा या वह नौकरशाही का शिकार बन जाएगा? क्या मुसद्दी भ्रष्ट सिस्टम पर विजय पाकर साबित कर सकेगा कि वह जीवित है? इसका जवाब मिलेगा ‘चला मुसद्दी... ऑफिस-ऑफिस - द मूवी’ में।

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