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मद्रास कैफे की कहानी

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हमें फॉलो करें मद्रास कैफे
बैनर : वायकॉम 18 मोशन पिक्चर्स
निर्माता : वायकॉम 18 मोशन पिक्चर्स, जेए एंटरटेनमेंट, राइजिंग सन फिल्म्स
निर्देशक : शुजीत सरकार
संगीत : शांतनु मोइत्रा
कलाकार : जॉन अब्राहम, नरगिस फाखरी, सिद्धार्थ बसु
रिलीज डेट : 23 अगस्त 2013

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मद्रास कैफ का पहले नाम ‘जाफना’ था, जिसे बाद में बदल दिया गया। शुजीत सरकार और जॉन ने मिलकर ‘विकी डोनर’ बनाई थी। विकी डोनर को न केवल फिल्म समीक्षकों की तारीफ बल्कि बॉक्स ऑफिस पर सफलता ‍भी मिली थी। यही वजह है कि ‘मद्रास कैफे’ से दर्शकों को उम्मीद है।

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मद्रास कैफे एक एक्शन-थ्रिलर मूवी है। रॉबिन दत्त (सिद्धार्थ बसु) भारत के इंटेलिजेंस सर्विस का प्रमुख है। यह काम इतना चुनौतीपूर्ण है कि रॉबिन को प्रत्येक सेकंड चौकन्ना रहना पड़ता है। पड़ोसी देश में सिविल वार चल रहा है और यह बात हमारे देश के लिए भी खतरनाक है।

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रॉबिन एक कवर्ट ऑपरेशन के लिए इंटेलिजेंस एजेंट विक्रम (जॉन अब्राहम) को श्रीलंका भेजता है। श्रीलंका में जाकर बाला से विक्रम मुलाकात करता है। बाला अरसे से श्रीलंका में है और वहां के चप्पे-चप्पे और उन लोगों से वाकिफ हैं जो विक्रम के सीक्रेट ऑपरेशन को पूरा करने में मदद कर सकते हैं।

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पत्रकार जया (नरगिस फाखरी) भी श्रीलंका में है। वह सिविल वार के पीछे की सच्चाई जानने की कोशिश कर रही है। वह उन पत्रकारों में से है जिसके विद्रोही नेता से सीधे संबंध है और वह उनका इंटरव्यू लेती रहती है। विक्रम और जया की अक्सर मुलाकात होती रहती है। यह कहानी उस षड्यंत्र को बेनकाब करने और उस दुश्मन के खिलाफ है जिसका कोई चेहरा नहीं है।

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