प्रमुख विपक्षी दल भाजपा ने वित्तमंत्री पी. चिदंबरम पर बजट लीक करने का शुक्रवार को आरोप लगाया और कहा कि सरकार ने न सिर्फ किसानों को राहत देने के नाम पर लीपापोती की है, बल्कि आगामी चुनावों के चक्कर में बजट को सांप्रदायिक रंग दे डाला है।
वित्तमंत्री द्वारा संसद में बजट पेश किए जाने के बाद पार्टी ने एक बयान जारी कर कहा कि वित्तमंत्री ने जो कुछ भी किया है वह उम्मीद के मुताबिक है। उन्होंने (चिदंबरम) बजट प्रस्ताव अपनी पार्टी को लीक कर दिए, जिसके बाद कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी ने बजट से कुछ दिन पूर्व ही किसानों के लिए एक पैकेज की माँग की। यह तथ्य सबको मालूम है कि बजट उस समय तक छप कर तैयार हो जाता है।
पार्टी ने कहा इसके बाद अखिल भारतीय कांग्रेस समिति के कार्यालय पर हुई नाटकीय घटनाओं से बजट प्रस्ताव लीक होने की पुष्टि होती है।
इधर भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार लालकृष्ण आडवाणी ने कहा कि मैं बजट के सांप्रदायिक रंग को देखकर चकित हूँ। यह लियाकत अली के दिनों की याद दिलाता है जिसके परिणाम जगजाहिर है।
विपक्ष के नेता आडवाणी ने कहा कि बजट में सिर्फ एक ही महत्वपूर्ण बात है। वह है किसानों के ऋण की माफी की घोषणा। लेकिन यह घोषणा भी काफी विलंब से हुई है। उन्होंने पूछा कि जो हजारों किसान आत्महत्या कर चुके हैं उसके लिए कौन जिम्मेदार होगा। संप्रग सरकार ने यह घोषणा चार साल पहले क्यों नहीं की।
आडवाणी ने कहा कि वित्तमंत्री ने सीमांत और छोटे किसानों के ऋण माफी के काम को इस साल 30 जून तक पूरा करने की बात कही है, लेकिन उन्होंने इसे अंजाम देने के लिए प्रशासनिक व्यवस्था का जिक्र नहीं किया है।