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छत्तीसगढ़ में कार हुई कर मुक्त

हमें फॉलो करें छत्तीसगढ़ में कार हुई कर मुक्त
रायपुर , शनिवार, 26 फ़रवरी 2011 (20:07 IST)
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह ने शनिवार को राज्य विधानसभा में 30725.96 करोड़ रुपए का बजट पेश किया, जिसमें पूजा सामग्री, बैटरी चलित कार, स्टील पाइप निर्माण में काम आने वाला कच्चा माल, प्लॉस्टिक के जूते-चप्पल सहित कुछ अन्य उत्पादों को कर मुक्त कर दिया गया। इसके अलावा गैस चूल्हा पर वैट दर 14 से घटाकर पाँच प्रतिशत कर दी गई।

मुख्यमंत्री रमन सिहं वित्त विभाग का कामकाज स्वयं देख रहे हैं। राज्य विधानसभा में पेश बजट में मध्यम तथा निम्न आय वर्ग के उपभोक्ताओं को राहत पहुँचाने के उद्देश्य से कई वस्तुओं पर कर रियायत की घोषणा की गई है। गाय के गोबर, गौमूत्र व पंचगव्य से निर्मित सभी उत्पाद, सुगंधित तेल, स्टील-पाइप निर्माण में काम आने वाला कच्चा माल, स्टील स्ट्रिप एवं कॉयल, प्लॉस्टिक के जूते-चप्पल, पूजा सामग्री, उपवास सामग्री तथा बैटरी चलित इलेक्ट्रिक कार को कर मुक्त कर दिया गया।

गैस चूल्हा पर तथा स्टील निर्मित वायरमेश पर वेट दर 14 प्रतिशत से घटाकर पाँच प्रतिशत कर दी गई है। राज्य में कर भुगतान वाली पुरानी कारों के विक्रय पर वर्तमान में लागू पाँच प्रतिशत कर को कम कर एक प्रतिशत कर दिया गया। राज्य वृद्धिकर को पूरी तरह समाप्त कर दिया गया।

सिंह ने बताया कि राज्य में व्यापार को बढ़ावा देने तथा इंस्पेक्टर राज्य प्रणाली को समाप्त करने की दिशा में कदम उठाते हुए शुरुआती तौर पर सभी वाणिज्यिक कर चेक पोस्टों को एक वर्ष के लिए बंद किया गया है। दो हजार तक की जनसंख्या वाले गांवों में देशी विदेशी मदिरा दूकानों को एक अप्रैल 2011 से बंद करने का निर्णय लिया गया है।

छत्तीसगढ के बजट में सामाजिक तथा आर्थिक क्षेत्रों के लिए कुल व्यय का 80 प्रतिशत आवंटन किया गया है। कृषि के लिए 12 प्रतिशत, सिंचाई के लिए सात प्रतिशत, ग्रामीण विकास के लिए छह प्रतिशत, शिक्षा के लिए 19 प्रतिशत तथा स्वास्थ्य के लिए 4.5 प्रतिशत का प्रावधान है। बजट में पूँजीगत व्यय 5077 करोड़ रुपए अनुमानित है, यह पिछले वर्ष की तुलना में 39 प्रतिशत अधिक है तथा सकल घरेलू उत्पाद का लगभग चार प्रतिशत है।

मुख्यमंत्री ने कहा यह बजट राज्य के किसानों, गरीब कामगार तथा अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के लोगों को ध्यान में रखकर तैयार किया गया हैं। बजट में इन वर्गो के समुचित विकास के उद्देश्य से सर्वाधिक प्रावधान कृषि, शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल, सिंचाई, खाद्य सुरक्षा तथा ग्रामीण विकास के लिए किया गया है।

उन्होंने बताया कि राज्य की ग्रामीण अर्थ-व्यवस्था में कृषि के महत्व को देखते हुए कृषि बजट 44 प्रतिशत बढ़ाकर 985 करोड़ किया गया है। राज्य के किसानों को राहत देने के उद्देश्य से रायपुर, दुर्ग, राजनांदगाँव, अंबिकापुर तथा बिलासपुर जिलों में मौसम आधारित फसल बीमा योजना लागू करने की घोषणा की गई है, इसके लिए पाँच करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।

सिंचाई क्षेत्र के लिए बजट आवंटन 20 प्रतिशत बढ़ाकर 2123 करोड़ रुपए किया गया है। खाद्यात्र सुरक्षा कार्यक्रम को विस्तार देते हुए बस्तर संभाग में गरीबी रेखा के नीचे जीवन-यापन करने वाले परिवारों को एक किलोग्राम चना प्रतिमाह उपलब्ध कराने के लिए 12 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है, इससे 4.85 लाख परिवार लाभांवित होंगे। (भाषा)

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