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जरूरत + आइडि‍या = बि‍जनेस

यहाँ कि‍राए पर कपड़े मि‍लते हैं !

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कॉर्पोरेट वर्ल्‍ड में आज तमाम तरह के ऐसे बि‍जनेस भी ग्रो कर रहे हैं जि‍नकी आज से 20 या 50 साल पहले तक कल्‍पना भी नहीं की जा सकती थी। तेजी से बदलते इस बि‍जनेस परि‍दृश्‍य में आज हम यह कह सकते हैं कि‍ इंसान की कि‍सी भी जरूरत से चाहे वो छोटी हो या बड़ी, एक अच्‍छा खासा बि‍जनेस खडा़ कि‍या जा सकता है।

आज तक जि‍तने भी बि‍जनेस आइडि‍याज हुए हैं वो कस्‍टमर की जरूरत के कारण ही पैदा हुए और ऐसे ही बि‍जनेस का दायरा बढ़ता गया। ऐसा ही एक आइडि‍या था महँगे कपड़ों को कि‍राए पर देने का। आप ही सोचि‍ए कि‍राए पर कपड़े लेने की बात कोई सोच भी कैसे सकता था, लेकि‍न आज वो भी एक बि‍जनेस है।

यूरोप और अमेरिका की फैशन इंडस्ट्री काफी विकसित है और विश्वभर में फैशन ट्रेंड्स यहीं से आते हैं। पेरिस और मिलान में फैशन शो लगातार आयोजित होते रहते हैं और विश्वभर के डिजाइनर व मॉडल्स यहाँ पर भाग्य आजमाने आते हैं। यह ऐसी इंडस्ट्री है, जहाँ पर फ्यूचर का फैशन गढ़ा जाता है।

फैशन शो में रेम्प पर कैटवॉक करती मॉडल ने जो महँगे ब्राण्ड के कपड़े पहने हैं, उन्हें पहनने की इच्छा हर कि‍सी लेडी को होती ही है, पर ये डिजाइनर कपड़े काफी ज्यादा महँगे होते हैं। अमीर लोगों की बात छोड़ दें तो मि‍डि‍ल क्‍लास फैमि‍ली के बस की बात नहीं है।

इस कारण भले ही फैशन शो में डिजाइनर कपड़े सराहे जाएँ, उसके एक या दो डिजाइन बिक भी जाएँ, पर इसके बाद उस डिजाइनर कपड़े को लेकर डिजाइनर भी परेशान ही रहता है, क्योंकि उसे संभाल के रखना बड़ी परेशानी का काम रहता है।

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मेडिलीन नामक लड़की फैशन जगत से ही जुड़ी रही और उसके मन में यह विचार आया कि क्यों न ऐसा करें कि महँगे डिजाइनर कपड़ों को किराए पर दिया जाए।

दरअसल आर्थिक मंदी के बाद अमेरिका सहित योरपीय देशों में महँगे व डिजाइनर कपड़ों की खरीददारी में कमी आ गई थी और अब भी इसमें कोई खास प्रगति नहीं हुई है। ऐसे में मेडिलीन ने वियर टुडे, गॉन टुमारो की स्थापना की। उन्होंने सबसे पहले अपनी कंपनी के लिए सदस्यता अभियान आरंभ किया और वह भी फ्री में।

वे अपने सदस्यों को डिजाइनर कपड़े किराए पर देने लगी, वह भी पचास डॉलर पर वीक की दर से। इसके लिए उन्होंने फैशन डिजाइनरों को काफी मनाया कि अगर कपड़े स्टोर में पड़े रहें, उसकी अपेक्षा कमाए तो ज्यादा अच्छा होगा। मेडिलीन के इस कंसेप्ट को लोगों ने काफी सराहा और देखते ही देखते उनके साढ़े चार लाख सदस्य बन गए और उन्हें अपने यहाँ पर तीस कर्मचारियों को रखना पड़ा।

वे अपने सदस्यों को महँगे से महँगा डिजाइनर सूट या अन्य कपड़े फ्री ट्रायल के अंतर्गत पहनने का विकल्प देती हैं। अगर वह आपकी साइज का है और आप उसे किराए पर लेना चाहते हैं तब आप निर्धारित शुल्क देकर कपड़े घर ले जा सकते हैं।

मेडिलीन ने इस प्रकार से न केवल मध्यमवर्गीय लोगों के महँगे कपड़े पहनने की चाहत को पूरा किया, बल्कि उन्होंने महँगे ब्राण्ड्स को भी आगे बढ़ाने का प्रयास किया। और साथ ही खड़ा कर लि‍या एक अच्‍छा बि‍सनेस। तो देखा आपने कि‍ कैसे एक जरूरत और एक आइडि‍या को मि‍लाकर एक बि‍जनेस तैयार कि‍या जा सकता है।

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