पिछले एक दशक में महिलाओं और पुरुषों के अनुपात में भले ही सुधार हुआ हो मगर छह साल तक की बच्चियों और बच्चों की आबादी का बढ़ता फासला सरकार और समाज दोनों के लिए ही चिंता की बात है।
वर्ष 2011 की जनगणना के जारी आँकडों के अनुसार पिछले 10 साल में महिलाओं की प्रति 1000 पुरुष आबादी 933 से बढ़कर 940 हो गई है, लेकिन छह साल तक के बच्चों के आँकड़ों में यह अनुपात 927 से घट कर 914 हो गया जो आजादी के बाद सबसे कम है।
भारत के महापंजीयक और जनगणना आयुक्त सी चंद्रमौलि ने इन आँकड़ों को जारी करते हुए छह साल तक की बच्चियों के घटते अनुपात पर गहरी चिंता जाहिर की।
आँकड़ों के अनुसार 2011 की जनगणना में महिलाओं की प्रति 1000 पुरुष आबादी 1971 से सबसे ज्यादा दर्ज की गई है मगर यह 1961 की तुलना में कुछ कम है। कुल 29 राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों में महिलाओं के अनुपात में इजाफा हुआ मगर जम्मू कश्मीर, बिहार और गुजरात में इसमें 2001 की तुलना में कमी दर्ज की गई।
महिलाओं का अनुपात सबसे ज्यादा केरल में 1084 और पुडुचेरी में 1038 है। सबसे कम अनुपात दमन और दियू में 618 और दादरा और नगर हवेली में 775 दर्ज किया गया है।
छह साल तक के बच्चों की तुलना में बच्चियों के अनुपात में 27 राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों में गिरावट दर्ज की गई है, लेकिन पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, गुजरात, तमिलनाडु, मिजोरम और अंडमान और निकोबार में इसमें इजाफा हुआ है।
प्रति 1000 बच्चे छह साल से कम उम्र की बच्चियाँ सबसे अधिक मिजोरम में 971 और मेघालय में 970 हैं। इस उम्र वर्ग में सबसे कम अनुपात हरियाणा में 830 और पंजाब में 846 दर्ज किया गया है। (वार्ता)