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डेंगू बुखार : एक संक्रामक रोग

दम निकाल देता है डेंगू बुखार

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हमें फॉलो करें डेंगू बुखार
डॉ. अनिल कुमार शर्मा
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डेंगू बुखार एक आम संक्रामक रोग है जिसके मुख्य लक्षण हैं, तीव्र बुखार, अत्यधिक शरीर दर्द तथा सिर दर्द। यह एक ऐसी बीमारी है जिसे महामारी के रूप में देखा जाता है। वयस्कों के मुकाबले, बच्चों में इस बीमारी की तीव्रता अधिक होती है। यह बीमारी योरप महाद्वीप को छोड़कर पूरे विश्व में होती है तथा काफी लोगों को प्रभावित करती है। एक अनुमान है कि प्रतिवर्ष पूरे विश्व में लगभग 2 करोड़ लोगों को डेंगू बुखार होता है।

डेंगू किस कारण होता है?
यह "डेंगू" वायरस द्वारा होता है जिसके चार विभिन्न प्रकार हैं। (टाइप 1,2,3,4)। आम भाषा में इस बीमारी को हड्डी तोड़ "बुखार" कहा जाता है क्योंकि इसके कारण शरीर व जोड़ों में बहुत दर्द होता है।

डेंगू फैलता कैसे है?
मलेरिया की तरह डेंगू बुखार भी मच्छरों के काटने से फैलता है। इन मच्छरों को 'एडीज मच्छर' कहते हैं जो काफी ढीठ व और दुस्साहसी मच्छर हैं और दिन में भी काटते हैं। डेंगू बुखार से पीड़ित रोगी के रक्त में डेंगू वायरस काफी मात्रा में होता है। जब कोई एडीज मच्छर डेंगू के किसी रोगी को काटने के बाद किसी अन्य स्वस्थ व्यक्ति को काटता है तो वह डेंगू वायरस को उस व्यक्ति के शरीर में पहुँचा देता है।

संक्रामक काल
जिस दिन डेंगू वायरस से संक्रमित कोई मच्छर किसी व्यक्ति को काटता है तो उसके लगभग 3-5 दिनों बाद ऐसे व्यक्ति में डेंगू बुखार के लक्षण प्रकट हो सकते हैं। यह संक्रामक काल 3-10 दिनों तक भी हो सकता है।

डेंगू बुखार के लक्ष
लक्षण इस बात पर निर्भर करेंगे कि डेंगू बुखार किस प्रकार है। डेंगू बुखार तीन प्रकार के होते हैं

क्लासिकल (साधारण) डेंगू बुखार

डेंगू हॅमरेजिक बुखार (डीएचएफ)

डेंगू शॉक सिंड्रोम (डीएसएस)

क्लासिकल (साधारण) यह एक स्वयं ठीक होने वाली बीमारी है तथा इससे मृत्यु नहीं होती है लेकिन यदि (डीएचएफ) तथा (डीएसएस) का तुरंत उपचार शुरू नहीं किया जाता है तो वे जानलेवा सिद्ध हो सकते हैं। इसलिए यह पहचानना अत्यंत महत्वपूर्ण है कि बीमारी का स्तर का क्या है।

लक्ष

* ठंड के साथ अचानक तेज बुखार चढ़ना।

* सिर, मांसपेशियों तथा जोड़ों में दर्द होना।

* अत्यधिक कमजोरी लगना, भूख में बेहद कमी तथा जी मितलाना।

* मुँह का स्वाद खराब होना।

* गले में हल्का सा दर्द होना।

* रोगी बेहद दुःखी व बीमार महसूस करता है।

* शरीर पर लाल ददोरे (रैश) का होना शरीर पर लाल-गुलाबी ददोरे निकल सकते हैं। चेहरे, गर्दन तथा छाती पर विसरित दानों की तरह के ददोरे हो सकते हैं। बाद में ये ददोरे और भी स्पष्ट हो जाते हैं।

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उपचार : यदि रोगी को साधारण डेंगू बुखार है तो उसका उपचार व देखभाल घर पर भी की जा सकती है। चूँकि यह स्वयं ठीक होने वाला रोग है इसलिए केवल लाक्षणिक उपचार ही चाहिए।

*पेरासिटामॉल की गोली या शरबत लेकर बुखार को कम रखिए।

*रोगी को डिस्प्रीन,एस्प्रीन कभी ना दें।

* यदि बुखार 102डिग्री फा. से अधिक है तो बुखार को कम करने के लिए हाइड्रोथेरेपी(जल चिकित्सा) करें।

* सामान्य रूप से भोजन देना जारी रखें। बुखार की स्थिति में शरीर को अधिक भोजन की आवश्यकता होती है।

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