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इन ट्रेंड - लाख की ज्वेलरी

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कुछ चीजें ऐसी होती हैं जो फैशन की दौड़ में हरदम बनी रहती है। लाख उनमें से एक है। त्‍योहार हो या पार्टी इसका आकर्षण कम नहीं होता है। ज्‍वेलर्स की माने तो ट्रेडि‍शनल मौके पर महि‍लाएँ लाख ज्‍वेलरी पहनना अधि‍क पसंद करती हैं।

यही वजह है कि‍ इन दि‍नों मार्केट में 24 शेड्स में लाख की चूड़ि‍याँ उपलब्‍ध हैं। सि‍र्फ चूड़ि‍याँ ही नहीं इसके अलावा जड़ाऊ सेट, अंगूठी, टो रिंग, ब्रेसलेट, बि‍छि‍या करधन जैसे कई आर्टीकल युवति‍यों और महि‍लाओं को लुभाते हैं। इनकी कीमत 50 से लेकर 500 रु. तक है।

स्टोन जड़ी बैगल्स
लाख के कड़ों व चूड़ियों की माँग कभी कम नहीं होती है। रंगीन पत्थर जड़े ये कड़े हर रंग व रूप में उपलब्ध है। पतली चार चूड़ियाँ, पेयर के साथ एक हाथ में पहना जाने वाला कड़ा माँग ज्यादा होती है। मीनाकारी के साथ मोती और डायमंड के काम्बिनेशन में इस पर की गई शानदार कारीगरी महिलाओं को आकर्षित करती है। यह अमूमन सभी रंगों में उपलब्ध होता है।

महिलाओं व लड़कियों में इसकी लोकप्रियता की वजह है। हमारी संस्कृति में इसे शुभ मानना। सच्चे लाख की चूड़ियाँ और सेट 150 से 2000 रुपए तक बाजार में उपलब्ध है।

गन मेटल विद् मीना
इन दिनों मार्केट में लाख की ज्वेलरी पर गन मेटल पर मीना जड़ाऊ काम देखा जा रहा है। साथ ही मोती, सेट बेल्जियम कांच, जिग-जेग, मोर की आकृति के जड़ाऊ सेट, फूल की आकृति के साथ राजस्थानी थेवा डिजाइन भी अब लाख में दिखाई देने लगा है। कुछ सेट में तो नख से शिख तक की ज्वेलरी भी अवेलेबल है।

मसलन माँग का टीका, झुमका, हार, नथ, कंगन, चूड़ी, अंगूठी, बाजूबंद, करधन, पायजेब, बिछिया के साथ मेचिंग बिंदी। कटोरा तालाब स्थित प्रिंस ज्वेलरी के संचालक एन के राजपाल के मुताबिक इसकी वेराइटी ही महिलाओं और लड़कियों को इस ओर खींच लाती है।

मल्टीकलर का क्रेज
वे दिन गए जब लाख ट्रेडिशनल रंगों में मिलता था। अब ड्रेस से मेल खाती लाख ज्वेलरी आप खरीद सकते हैं। फिर चाहे वह नीला, फिरोजी या पिंक कलर ही क्यों न हो। मल्टीकलर में उपलब्धता की वजह से यह पार्टी आभूषण में शामिल हो गया है। श्री राजपाल के मुताबिक इसकी डिमांड त्योहारी सीजन में खासतौर से बढ़ जाती है। नवरात्र पर इसकी माँग जोरों पर होती है।

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