हे नागरिक हे मेरे मुल्क के मालिक, तू ड़र मत हलचल मत कर चल-विचल मत हो उठकर आ चल लाइन लगा फिर मुझे वोट दे अब तू घर जा लंबी चादर तान और आराम से सो जा।
सुबह उठ, स्नान कर आँखे मूँद कर, ईश्वर का ध्यान कर मधुर-मधुर सुर में मीठे-मीठे भजन गा।
पानी छानकर पी उपासना व व्रत कर अपना कर्म पूरी मेहनत और लगन से निभा।
इधर-उधर मत देख चल-विचल मत हो अपने आराध्य पर पूरा-पूरा विश्वास कर।
आत्मा अमर है, शरीर नश्वर है चिन्ता मत कर होनी को कौन टाल पाया है आज तक।
रोना तो कायरता है संतोषी नर सदा सुखी मुस्कुराहट ही जीवन है, धीरज मोटी बात है कष्ट और दुख तो परीक्षा है वैतरणी पार करने की शिक्षा है।
ईर्षा व क्रोध मत कर लालच बुरी बला है सत्यमेव जयते सच्चे मन से श्रम कर खूब उत्पादन बढ़ा उत्पादन लक्ष्य को पूर्ण कर राष्ट्र को ऊपर उठा संपूर्ण राष्ट्र तेरा है तेरी ही संपति है मै भी तेरा ही हूँ जो कुछ मेरा है,वह तेरा है और जो तेरा है,वह मेरा है।
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तू मालिक है, मै सेवक हूँ तू है स्वामी, मै हूँ पहरेदार अब चल, डर मत मतदान केन्द्र आ मेरे चुनाव चिन्ह को, खूब ध्यान से देख कोई भी शंका-कुशंका मत कर क्या तेरा है क्या मेरा है जग चार दिन का डेरा है तू लगन से अपना कर्म कर
मेरे चुनाव चिह्न पर ध्यान से,प्रेम से, अपनी मोहर लगा कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन। अगले निर्वाचन पर अवश्य आना और मुझे, अपना कीमती वोट देना भूल ना जाना, अवश्य आना।
मुझे वोट दे दिया अब चल, परे हट, बाजू हो,जल्दी कर दूसरे को आने दे, बुरा मत मान जरा हवा तो आने दे ठंडी-ठंडी, सुखद,प्यारी-प्यारी सत्ता की, धन की, पावर की, मधुर हवा जो मेरे महान वंश की आत्माओं को असीम शीतलता, शांति प्रदान करेगी तूझे भी तो उसका पुण्य मिलेगा न धन्यवाद लेकर,चल सीधा घर जा अब सर पर बैठेगा क्या मेरे बाप चल श्याना बन, रास्ता नाप।