- डॉ.अप्रतिम गोयल
(एमडी, डीएनबी, एफएजीई कॉस्मेटिक सर्जन एवं त्वचारोग विशेषज्ञ, क्यूटीस क्लिनिक मुंबई)
नए साल के बाद तक चलती रहने वाली पार्टियों का सीजन अब खत्म हो रहा है। लंबे समय तक मेकअप में रहने, ड्रिंक्स सिगरेट के धुएं के बीच लगभग पूरी-पूरी रात बिताने के बाद शरीर की ओर भी ध्यान देने की जरूरत है।
अब वक्त है शरीर से विषैले तत्वों के निकाल बाहर करने यानी डिटॉक्स करने का विषैले तत्वों को बाहर करने के साथ ही शरीर पहले की तरह स्वच्छ और निर्मल हो जाता है। त्वचा पहले की तरह कांतिवान नजर आने लगती है। पार्टियों में की गई शराबखोरी का असर चेहरे पर सूजन के रूप में दिखाई देने लगता है। शरीर दिन-दिन भर टूटा सा रहता है और हर वक्त नींद और आलस बना रहता है। यही समय है विषैले पदार्थों से शरीर से निष्काषित करने का।
कितना जरूरी है डिटॉक्स करना :-
विषैले पदार्थों को निकाल बाहर करने के नाम पर नाक भौं न सिकोड़ें क्योंकि इससे यह बहुत सरल है। नए साल की शुरुआत से ही शरीर विषैले पदार्थों से मुक्त यह जरूरी है। इसे आप घर पर भी कर सकते हैं और इसके लिए हर तीसरे महीने किसी डिटॉक्सिंग शिबिर में भी जाने की जरूरत नहीं है। जो लोग बहुत तनावभरा जीवन बिताते हैं उन्हें जरूर हर तीन महीने में यह कवायद कर लेनी चाहिए।