चीजों को रखकर भूल जाना, किसी जरूरी बात का दिमाग से निकल जाना, बातचीत करते समय विषय का ध्यान से हट जाना, नामों का याद न रहना, दिनचर्या में उपयोग में होने वाली छोटी-छोटी बातें भी याद न रहना। यह कुछ ऐसी समस्याएँ हैं जो तेजी से लोगों में बढ़ती जा रही हैं। यूँ कह लीजिए कि लोग भूलने की समस्या के शिकार होते जा रहे हैं। जिसका मुख्य कारण है तनाव, तो वहीं आधुनिक भौतिक सुख-सुविधाओं पर बढ़ती लोगों की निर्भरता भी इसकी एक वजह है। जो मानव की मानसिक क्षमता को घुन की तरह धीरे-धीरे नष्ट करती जा रही है।
नशीले पदार्थों से रहें दूर
अक्सर लोग तनावमुक्त होने के लिए एल्कोहलिक पदार्थों का सेवन करने लगते हैं। इन पदार्थों का सीधा असर दिमाग पर प़ड़ता है जिससे मनुष्य की याददाश्त क्षमता कमजोर हो जाती है। इस विषय में जानकारी देते हुए न्यूरोसर्जन डॉ. हर्ष सक्सेना ने बताया कि भूलने की बीमारी उन लोगों में ज्यादातर देखने को मिलती है जो शराब का सेवन करते हैं। नशीले पदार्थों का सेवन करने वाले व्यक्ति पूरी तरह से फोकस होकर बात को नहीं सुन पाते हैं जिससे यह दिमाग में सही ढंग से रजिस्टर नहीं होती है।
लोगों की लाइफ स्टाइल में दिनोंदिन आ रहा परिवर्तन जहाँ दुनिया को तरक्की के नए सोपानों की ओर अग्रसर कर रहा है, वहीं मनुष्य को नई-नई तरह की बीमारियों से भी ग्रसित करता जा रहा है। ऐसी एक बीमारी है बीमेट्रिया, जिसे सामान्य भाषा में लोग भूलने की आदत कहते हैं। पहले यह समस्या जहाँ बुजुर्ग वर्ग के लोगों में ज्यादा देखने को मिलती थी, वहीं युवाओं और प्रौ़ढ़ वर्ग के लोग भी तेजी से इस बीमारी के शिकार हो रहे हैं। खासतौर पर महिलाओं में यह समस्या तेजी से बढ़ रही है।
कमजोर होती मस्तिष्क क्षमता
लोगों में तेजी से बढ़ रही भूलने की समस्या के विषय में जानकारी देते हुए न्यूरो सर्जन डॉ. विजय परिहार ने बताया कि इस बीमारी में मनुष्य के दिमाग की तंत्रिकाएँ शिथिल हो जाती हैं। मेमोरी को सहेजकर रखने वाला लैम्बिक सिस्टम भी कमजोर हो जाता है। जिसके कारण कोई बात या जगह याद रखने में मुश्किल होती है। यह समस्या दो तरह की होती है। पहले प्रकार की भूलने की बीमारी को रिसेन्ट बीमेट्रिक कहते हैं। इसमें व्यक्ति तुरंत किए हुए कार्यों व बातों को याद नहीं रख पाता है। भूलने की समस्या का यही प्रकार वर्तमान में अधिकांश लोगों में देखने को मिल रहा है। वहीं दूसरे प्रकार की भूलने की बीमारी में व्यक्ति अपनी पुरानी यादों को पूरी तरह से भूल जाता है।
तनाव है मुख्य कारण
आपाधापी से भरी जिंदगी में तनाव एक ऐसी समस्या है जो हर बीमारी की मूल जड़ है। लोगों में बढ़ रही भूलने की समस्या की भी मुख्य वजह तनाव ही है। इसके बारे में जानकारी देते हुए डॉ. परिहार ने बताया कि यदि किसी व्यक्ति के मस्तिष्क में स्ट्रेस लगातार बना रहता है या दिन-ब-दिन बढ़ता जाता है तो इससे ब्रेन के प्रोगेस में दिक्कत आती है। तो वहीं व्यक्ति की मस्तिष्क क्षमता कमजोर होने लगती है जिससे मरीज की सोचने की, याद रखने की खासकर शॉर्ट टर्म मेमोरी और सामान्य व्यवहार की क्षमता प्रभावित होती है। इसके कारण मरीज का मिजाज भी बदल जाता है। छोटी-छोटी बात में चिड़चिड़ाने लगता है, उसके मन में हमेशा बेचैनी बनी रहती है, छोटी-छोटी बात को लेकर भी चिंता करने लगता है जिसके कारण व्यक्ति के मस्तिष्क में स्ट्रेस हमेशा बना रहता है।
महिलाएँ हो रहीं शिकार
भूलने की इस बीमारी की सबसे ज्यादा शिकार महिलाएँ हो रही हैं। महिलाओं में इस समस्या का बढ़ने का मुख्य कारण है कि उन्हें एक ही समय में कई कामों पर फोकस करना होता है। नौकरी, घर, बच्चे, रिश्तेदार, शॉपिंग जैसी कई बातें एक साथ एक ही समय में उनके दिमाग में चलती रहती हैं जिसमें जरा डिसबैलेंस होने पर तनाव से घिर जाती हैं जिसके कारण वह अन्य बातें भी भूल जाती हैं।
अपनाएँ यह उपाय
सुबह-सुबह सैर पर जाने से दिमाग की कोशिकाओं में शुद्ध वायु का प्रवाह होता है जो मस्तिष्क में रक्त संचार को बढ़ाता है, तो मस्तिष्क को तनाव मुक्त करता है और याददाश्त की क्षमता को बढ़ाता है। दिमाग को चुस्त-दुरुस्त रखने का सबसे आसान उपाय है दिमागी कसरत, जो कई तरह दिमागी खेलों जैसे पजल, सुडोकू, क्रॉस वर्ड आदि के माध्यम से की जा सकती है। यह खेल मेमोरी पवार को बढ़ाते हैं जिससे जगह, नाम आदि आसानी से याद रखे जा सकते हैं।