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हँसी-हँसी में हेल्थ बनाएँ

लॉफिंग एरोबिक या ह्यूमर थैरेपी

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अपर्णा मजूमदार
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फिल्म 'मुन्ना भाई एमबीबीएस' में भारी टेंशन के पलों में बोमन ईरानी को अचानक हँसते देखकर सभी को हँसी आई थी। हँसने से पॉजिटिविटी बढ़ती है। माहौल हल्का होता है। लेकिन हँसी को एक्सरसाइज की तरह इस्तेमाल कर हेल्थ बनाना एक नया नुस्खा है। विशेष तरीकों से हँसने से फिजिकल और मैंटल लाभ मिलते हैं।

हँसने से चेहरे का अच्छा व्यायाम होता है। इससे चेहरे पर नई चमक आ जाती है। ब्लड नर्व्स खुल जाती हैं। लंग्स का व्यायाम होता है। हार्ट को शक्ति मिलती है। हँसने से ब्रैन को अधिक मात्रा में ऑक्सीजन मिलने लगती है, ब्रैन तेजी से काम करने लगता है।

हँसने से पॉजिटिव एनर्जी उत्पन्न होती है, जो मन में विश्वास पैदा कर भय को दूर करने का काम करती है। मन की कमजोरी,, चिंता, दुख, सदमा, इंफिरियोरिटी कॉम्प्लेक्स, कॉन्फिडेंस की कमी आदि दूर करने के लिए हँसना एक अच्छा उपाय है।

उनके लिए जो लंबे समय से बीमार की देखभाल करते, मरीज के साथ रहते-रहते तनाव के शिकार हो जाते हैं, उन्हें ह्यूमर थैरेपी काफी राहत देती है।

हँसी के प्रकार और उनके लाभ

* हा-हा लॉफिंग
सीधे खड़े होकर शरीर को ऊपर की ओर उठाते हुए 'हा-हा' की आवाज में जोर से हँसें।

लाभ - इससे ब्लड सर्कूलेशन तेज होता है, जिससे धमनियाँ व शिराओं ( Coronary Artery) का फैलाव होता है। यह फ्लेक्सिबल होती है। ब्रैन को पूरी स्पीड से ब्लड मिलने से टेंशन दूर होता है।

* हो-हो लॉफिंग
साँस को बाहर की ओर निकालते हुए 'हो-हो' की आवाज में हँसें।

लाभ - इससे नाभि पर प्रभाव पड़ता है, जिसके कारण स्प्लीन, लीवर व किडनी मजबूत होते हैं, उनकी कार्य क्षमता बढ़ती है।

* इंटरमिटेंट लॉफिंग
साँस अंदर की ओर लेते और बाहर की ओर छोड़ते हुए रुक-रुककर हँसें।

लाभ - इस प्रकार से हँसने से बॉडी के फर्टिलिटी पार्ट्स में तेजी से ब्लड सर्कूलेशन होता है, जिससे ये अंग मजबूत होते हैं।

* इंटरमिटेंट लॉंग लॉफिंग
इस प्रोसेस में साँस को अंदर लेकर जाएँ और फिर उसे रोककर खुलकर झटके के साथ हँसें।

लाभ - इस तरह से हँसने पर पेल्विक एरिया में तेजी से ब्लड सर्कूलेशन होने लगता है, जो सेक्सुअल एक्टिवनेस के लिए काफी लाभदायक होता है।

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* लॉंग लास्टिंग लॉफिं
इसे रावण हँसी कहते हैं। साँस को बाहर निकालते हुए पूरे शरीर को हिलाते हुए खुलकर रावण लॉफिंग करें।

लाभ - इससे नर्वस, मस्कुर्लस तथा डायजेस्ट सिस्टम पर अच्छा प्रभाव पड़ता है। फेफड़े और हार्ट को अधिक मात्रा में ऑक्सीजन मिलने से वे मजबूत होते हैं।

* साइलेंट लॉफिं
बिना आवाज किए मुस्कराहट के साथ हँसें।

लाभ - इसका प्रभाव चेहरे की त्वचा पर पड़ता है। त्वचा पर लाली छा जाती है, जिससे चेहरा दमकने लगता है।

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* साइलेंट जोकर लॉफिं
एक दूसरे को चिढ़ाते हुए बिना आवाज किए तेज हँसें।

लाभ - इससे फेफड़ों में तेजी से एयर सर्कूलेशन होता है, शरीर में तेजी से ब्लड सर्कूलेशन होता है। हार्ट और माइंड को पर्याप्त मात्रा में ब्लड मिलता है। जिससे बॉडी को भरपूर एनर्जी मिलती है।

* हार्टी विगरस लॉफिंग
मुँह खोलकर दिल से हँसें। हो सके तो ताली पीटते हुए खुलकर हँसें।

लाभ - इसे लॉफिंग एरोबिक भी कहा जाता है। यह ब्लड सर्कूलेशन को बढ़ाता है। इससे रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, हृदय व फेफड़े मजबूत होते हैं और शरीर में स्फूर्ति रहती है।

* वॉर्म अप लॉफिं
लयबद्ध तरीके से हा-हा, हे-हे की उच्चारण के साथ हँसें। धीरे-धीरे इसकी गति को बढ़ाकर ऊँचाई तक ले जाएँ। फिर मंद हँसिए, ऐसी प्रक्रिया कई बार करें।

लाभ - इससे पूरे शरीर में रक्त का तेजी से संचार होता है। मस्तिष्क को तेजी मिलने से तनाव दूर होते हैं। हृदय और फेफड़े को मजबूती मिलती है।

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* फाइव मिनट लॉफिंग
5 मिनट तक ठहाके लगाकर खुलकर हँसें।

लाभ - इससे चेहरे की रौनक बढ़ती है। शरीर में तेज गति से रक्तसंचार होता है जिससे शरीर के भीतरी अंगों की कार्यक्षमता बढ़ती है।

* एटीकेट ऑफिस लॉफिं
- होंठों को बंद रखकर सौम्यता से हँसें व अंदर कबूतर या मक्खी की भाँति आवाज करें।

लाभ - यह नर्व सिस्टम पर प्रभाव डालता है। शरीर में एनर्जी पैदा कर आलस्य को दूर करता है।

इन बातों का ध्यान रखे
* हँसते समय साँस की गति पर भी ध्यान रखें। साँस की क्रिया सही न होने पर हँसी से शरीर को लाभ नहीं मिलेगा।

* फुर्सत के क्षणों में हल्के-फुल्के चुटकुले, अनुभव, रोचक संस्मरण को याद कर खुलकर भी हँस सकते हैं।

* किसी बीमारी से पीड़ित होने पर ह्यूमर थैरेपी लेने के पहले ह्यूमर थेरेपिस्ट से यह जानकारी जरूर ले लें कि आपके लिए कौन-सी हँसी कितनी देर के लिए ठीक रहेगी।

* इससे बीमारी दूर नहीं होती। हँसी, बीमारी दूर करने व उसके प्रति पॉजिटिव सोच उत्पन्न करने का काम करती है। ह्यूमर थेरेपी के साथ-साथ दवा लेना चालू रखें।

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