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एल्जाइमर के इलाज में विफल हैं पीड़ाहारी दवाएँ

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ANI

एक नए सर्वेक्षण में यह पाया गया है कि नैप्रौक्सिन और सेलिकोक्सिब जैसी पीड़हारी दवाइयों से एल्जाइमर के रोगियों को नहीं ठीक किया जा सकता है। साथ ही इस सर्वेक्षण में यह भी पाया गया कि एल्जाइमर के इलाज के लिए इनकी अपेक्षा नॉन स्टीरियोडियल एन्टी इन्फ्लामेट्री ड्रग्स (नसैड्स) अधिक प्रभावी है।

इस सर्वेक्षण के अन्तर्गत अमेरिका में 70 वर्ष की आयु से अधिक आयु-वर्ग के 2,100 लोगों में किया गया जिनकी पृष्ठभूमि इस बीमारी से जुड़ी है। प्रतिभागियों को प्रतिदिन इन पीड़ाहारी दवाइयों की खुराक निश्चित मात्रा में दी जाने लगी। निष्कर्ष के तौर पर पाया गया कि इन दवाइयों से एल्जाइमर के उपचार में कुछ खास उपलब्धि नहीं हुई।

साथ ही यह भी पाया गया कि लम्बे समय तक नॉन स्टीरियोडियल एन्टी इन्फ्लामेट्री ड्रग्स के सेवन से इस बीमारी से परेशान लोगों को थोड़ी राहत पहुँची।

चिकित्सक जॉन सी.एस ब्रेटनर के अनुसार, आमतौर पर इस शिकायत के लिए लोग नैप्रौक्सिन और सेलिकोक्सिब जैसी पीड़हारी दवाइयों का सेवन करते हैं, जबकि इनसे कहीं ज्यादा प्रभावी नसैड्स दवा है, जो वर्तमान में बहुत कम उपयोग में है। हम तो यही कहेंगे कि इस बीमारी के प्रारम्भ में इन पीड़ाहारी दवाओं का इस्तेमाल करने की बजाय लोग नॉन स्टीरियोडियल एन्टी इन्फ्लामेट्री ड्रग्स का ही अधिक उपयोग करें।
इस शोध का विस्तृत विवेचन न्यूरोलाजी नामक पत्रिका में प्रकाशित हुआ है।

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