* सप्ताह में एक दो दिन पत्तेदार हरी सब्जी जैसे पालक, मैथी, मूली के पत्ते, चौलाई व सरसों का साग जरूर खाएँ। इन सब्जियों को छिलके वाली दालों के साथ भी बना सकते हैं क्योंकि दालें भी प्रोटीन का एक बड़ा स्रोत हैं। अतः इन्हें नियमित रूप से अपने भोजन में स्थान जरूर दें। * चावल बनाते समय माँड न निकालें। कभी-कभी सोलर कुकर में खाना पकाएँ, समय की बचत होगी तथा सारे पोषक तत्व बने रहेंगे। * मिक्स आटे की रोटी बनाएँ। 1 किलो गेहूँ, 1 किलो देशी छिलके वाला चना, 1 किलो जौ, इसमें छिलका होने से कब्ज नहीं रहेगा क्योंकि चोकरयुक्त रोटी साधारण रोटी की तुलना में अधिक ऊर्जावान होती है। आटा हमेशा बड़े छेद वाली छलनी से ही छानें। * दाल व सब्जी में मिठास डालना हो तो शकर की जगह गुड़ डालें क्योंकि गुड़ में ग्लुकोज, लौहतत्व, कैल्शियम व केरोटिन होता है जो खून की मात्रा बढ़ाने के साथ-साथ हड्डियों को भी मजबूत बनाता है। * सभी खट्टे फल सब्जियाँ जहाँ तक संभव हो कच्चे ही खाएँ व खिलाएँ क्योंकि खट्टे फलों का व सब्जियों का विटामिन सी गर्म करने पर नष्ट हो जाता है। * भोजन के साथ सलाद-प्याज, ककड़ी, टमाटर, गाजर, मूली, पालक, चुकन्दर, पत्तागोभी आदि खाने की आदत डालें। जो मल गतिक्रम को नियमित रख आपको रोगों की जड़ कब्जीयत से बचाएगा। * परिवार के लोगों को दिन भर में 2-3 लीटर पानी पीने को प्रेरित करें।
* बच्चों को चॉकलेट, बिस्किट की जगह गुड़ की मेवायुक्त चॉकलेट, मूँगफली तथा तिल की चिकी बनाकर दें। गुड़ की मीठी पुड़ी व नमकीन पुड़ी बनाकर भी दे सकते हैं।
* जहाँ तक हो परिवार के सदस्य साथ-साथ खाना खाने की कोशिश करें। कम से कम शाम को तो साथ में खाना खा ही सकते हैं। साथ में खाना खाने से बच्चों को व पूरे परिवार को आनंद मिलता है तथा समय की बचत होती है।
उपरोक्त बातों को ध्यान में रखकर आप अपने परिवार के सदस्यों को स्वस्थ व सेहतमंद रख सकती हैं।